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Kansai Nerolac Q1 Results: जून तिमाही में 69% घटा मुनाफा, जानिए कंपनी ने नतीजों पर क्या कहा

Kansai Nerolac Q1: जून तिमाही के दौरान कंसाई नेरोलैक के रेवेन्यू में मामूली गिरावट देखी गई और यह 2133 करोड़ रुपये हो गया। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी ने 2157 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया था। हालांकि, यह पिछली तिमाही के 1769 करोड़ रुपये के रेवेन्यू के मुकाबले अधिक है

अपडेटेड Jul 29, 2024 पर 7:55 PM
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कंसाई नेरोलैक पेंट्स लिमिटेड ने आज 29 जुलाई को FY25 की पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं।

पेंट सेक्टर की कंपनी कंसाई नेरोलैक पेंट्स लिमिटेड ने आज 29 जुलाई को FY25 की पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 69 फीसदी घट गया है। कंपनी ने इस अवधि में ₹231 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया है। कंपनी ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी ने 738 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया था। इस बीच कंपनी के शेयरों में आज 2.20 फीसदी की तेजी देखी गई। यह स्टॉक BSE पर 281.50 रुपये के भाव पर बंद हुआ है।

Kansai Nerolac के रेवेन्यू में मामूली गिरावट

जून तिमाही के दौरान कंसाई नेरोलैक के रेवेन्यू में मामूली गिरावट देखी गई और यह 2133 करोड़ रुपये हो गया। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी ने 2157 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया था। हालांकि, यह पिछली तिमाही के 1769 करोड़ रुपये के रेवेन्यू के मुकाबले अधिक है।


ऑपरेटिंग लेवल पर इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में EBITDA 0.7% घटकर ₹329.5 करोड़ रह गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह ₹332 करोड़ था। जून तिमाही में EBITDA मार्जिन 15.4% रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 15.4% था।

कंपनी ने 1 अगस्त 2024 से 3 साल की अवधि के लिए हिरोकाज़ू कोटेरा को होलटाइम डायरेक्टर के रूप में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया है। कोटेरा की यह नियुक्ति शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन है।

Kansai Nerolac के MD ने नतीजों पर क्या कहा?

कंसाई नेरोलैक पेंट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अनुज जैन ने कहा, "इस तिमाही में ऑटोमोटिव कोटिंग्स की अच्छी मांग देखी गई। हीट वेव, लेबर शॉर्टेज और चुनावों के कारण डेकोरेटिव डिमांड कम रही। परफॉरमेंस कोटिंग की मांग धीमी रही, हालांकि जून में इसमें तेजी आई।"

उन्होंने आगे कहा, "कॉस्ट कंट्रोल, प्रोडक्ट मिक्स और प्रोक्योरमेंट एफिशिएंसी जैसे उपायों के कॉम्बिनेशन ने पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में ग्रॉस मार्जिन में सुधार करने में मदद की। कई जियो-पॉलिटिकल मुद्दों के कारण कच्चे माल की कीमतें अब धीरे-धीरे सख्त होने लगी हैं। कंपनी इस लागत वृद्धि को कम करने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा रही है।"

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