SpiceJet Q3 results: स्पाइसजेट एयरलाइन मुनाफे में आ गई है। कंपनी ने बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में उसे 441.7 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। लेकिन अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में वह 25 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे में आ गई। नकदी संकट से जूझ रही इस एयरलाइन ने मंगलवार 25 फरवरी को देर शाम दोनों तिमाही के नतीजों को एक साथ जारी किया।
कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह ने एक बयान में कहा, "पिछले एक दशक में पहली बार कंपनी की नेटवर्थ पॉजिटिव हुई है। यह एक बड़ी उपलब्धि है जो हमारी टर्नअराउंड रणनीति की सफलता को दिखाती है। अतीत हमारे पीछे रह गया है और अब हम स्पाइसजेट के लिए एक मजबूत, अधिक लचीले भविष्य बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।"
गुरुग्राम मुख्यालय वाली इस एयरलाइन ने एक साल पहले वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में 300 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा और वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में 431.54 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था।
सितंबर तिमाही और दिसंबर तिमाही दोनों में कंपनी का रेवेन्यू क्रमशः 817.12 करोड़ रुपये और 1,140.66 करोड़ रुपये रहा। हालांकि यह वित्त वर्ष 2024 के सितंबर तिमाही में रहे 1,425.29 करोड़ रुपये और दिसंबर तिमाही के 1,756.6 करोड़ रुपये के रेवेन्यू से कम है। भारत में घरेलू यात्रा की मांग पिछले आठ तिमाहियों से लगातार बढ़ रही है। हालांकि इसके बावजूद स्पाइजेट का रेवेन्यू पिछली 2 तिमाहियों में घटा है।
हालांकि एयरलाइन ने एक बयान में कहा, "मजबूत पैसेंजर मांग, बेहतर पैदावार और बढ़ी हुई कारोबारी दक्षता के कारण कुल रेवेन्यू 35 प्रतिशत बढ़कर 1,651 करोड़ रुपये हो गया। पैसेंजर लोड फैक्टर (पीएलएफ) 87 प्रतिशत पर रहा।"
रेवेन्यू में गिरावट दो तिमाहियों के दौरान घरेलू यात्रा में तेज बढ़ोतरी के बावजूद हुई, क्योंकि भारत में घरेलू यात्रा की मांग पिछले आठ तिमाहियों से लगातार बढ़ रही है।
वित्त वर्ष 2025 की सितंबर तिमाही में स्पाइसजेट ने 9.69 लाख यात्रियों को ढोया, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 2.5 प्रतिशत थी। पिछले साल इसी अवधि में एयरलाइन ने 15.90 लाख यात्रियों को ढोया था और उस वक्त इसकी बाजार हिस्सेदारी 4.3 प्रतिशत थी। इसी तरह दिसंबर तिमाही में स्पाइसजेट ने 12.67 लाख यात्रियों को ढोया था, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 3 प्रतिशत थी। पिछले साल इसी अवधि में एयरलाइन ने 21.84 लाख यात्रियों को ढोया था और उस वक्त इसकी बाजार हिस्सेदारी 5.6 प्रतिशत थी।
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