Vedanta Q2 Results: माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता लिमिटेड वापस घाटे से मुनाफे में आ गई है। कंपनी ने बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसे 4,352 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी 1,783 करोड़ रुपये के घाटे में रही थी। अरबपति उद्योगपति अनिल अग्रवाल की अगुआई वाली कंपनी ने बताया कि सितंबर तिमाही में उसका रेवेन्यू 3.6 फीसदी घटकर 37,171 करोड़ रुपये रहा। वहीं इसका ऑपरेटिंग प्रॉफिट यानी EBITDA इस दौरान 44 फीसदी बढ़कर 10,364 करोड़ रुपये रहा।
कंपनी ने बताया कि टैक्स पर कम खर्च के चलते उसे मुनाफे में आने में मदद मिली। इसके अलावा कमोडिटी की कीमतों में नरमी, लागत घटाने के उठाए कदमों और सभी बिजेनेसों के बढ़े प्रीमिया के कारण उसे सितंबर तिमाही के दौरान मुनाफे बढ़ाने में मदद मिली।
तिमाही के दौरान वेदांता का टैक्स खर्च घटकर 2,030 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 9,092 करोड़ रुपये रहा था।
वेदांता के चीफ फाइनेंस मुख्य वित्तीय ऑफिसर, अजय गोयल ने कहा, "इस मजबूत प्रदर्शन के अलावा, वेदांता ने करीब 1.4 अरब डॉलर की राशि जुटाई है। इसमें 1 अरब डॉलर को क्वालिफाइड इंस्टीट्यूनशल प्लेसमेंट (QIP) और 40 करोड़ डॉलर की राशि को हिंदुस्तान जिंक के OFS के जरिए जुटाई गई है। इसके साथ ही हमने होल्डिंग कंपनी के कर्ज को घटाकर 4.8 अरब डॉलर कर दिया है, जो एक दशक में सबसे निचला स्तर है।"
सितंबर तिमाही में वेदांता का शुद्ध कर्ज EBITDA के मुकाबले 1.49 गुना रहा, जो पिछली छह तिमाहियों में सबसे बेहतर आंकड़ा है।
नतीजों के बाद, वेदांता लिमिटेड के शेयर एनएसई पर 0.40 फीसदी की गिरावट के साथ करीब 456 रुपये के भाव पर बंद हुए। इस साल अब तक वेदांता के शेयरों में करीब 77 फीसदी की तेजी आई है। वहीं पिछले एक साल में इसने अपने निवेशकों को करीब 92 फीसदी का रिटर्न दिया है।