HDFC के चेयरमैन दीपक पारेख ने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है। हाउसिंग डिवेलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) के शेयरहोल्डर्स को लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा कि वह अब अपनी इस जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं। 78 साल के पारेख अब बैंक में किसी भूमिका में नहीं रहेंगे। HDFC के CEO केकी मिस्री ( Keki Mistry) बैंक के बोर्ड में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इसके लिए रिजर्व बैंक की मंजूरी भी लेनी होगी।
पारेख ने कहा, 'अब कंपनी से मुक्त होने का समय आ गया है। HDFC के शेयरहोल्डर्स के लिए यह मेरी आखिरी चिट्ठी है। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में हमारी कंपनी बेहतर ग्रोथ हासिल करेगी।' अपनी इस चिट्ठी में पारेख काफी भावुक दिखे। उन्होंने कहा कि HDFC का अनुभव उनके लिए अमूल्य है। सीनियर बैंकर ने कहा, 'हमारे इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता और हमारी विरासत को आगे बढ़ाया जाएगा।'
मर्जर से बैंक को मिलेंगे क्रॉस-सेलिंग के अवसर
पारेख ने कहा कि HDFC बैंक के व्यापक नेटवर्क का इस्तेमाल होम लोन और ग्रुप की कंपनियों के लिए किया जा सकेगा। उनका कहना था कि भविष्य में क्या होगा, इस बारे में तो सिर्फ आने वाले वक्त में पता चलेगा, लेकिन आज के दौर में कंपनियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बदलते वक्त के साथ खुद को बदलने की है। उनके मुताबिक, कंपनियों को यह लगता है कि आज जो मॉडल चल रहा है, वह आगे भी चलता रहेगा। उन्होंने कहा, 'बदलाव के लिए साहस की जरूरत होती है, क्योंकि इसके लिए आपको अपने कंफर्ट से निकलना पड़ता है। हालांकि, बदलाव के साथ ग्रोथ और नए अवसर के लिए भी गुंजाइश बनती है।'
शेयरहोल्डर्स को लिखी चिट्ठी में पारेख ने HDFC के कामकाज के तौर-तरीकों की अहमियत पर जोर दिया, जिस वजह से इस संस्थान को देश में इतनी लोकप्रियता मिली। उन्होंने कहा, 'बार-बार यह सवाल पूछा जाता है कि HDFC के कल्चर का क्या होगा? इस बारे में मेरा जवाब यह है कि मर्जर का मामला मुख्य तौर पर बदलाव से जुड़ा होता है। अब कंपनी के कल्चर में दोनों इकाइयों की बेहतर बातें शामिल होंगी।' उनका कहना था कि HDFC बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ शशिधर जगदीशन और उनकी टीम HDFC की विरासत को आगे बढ़ाएंगे।