मेहिल मिस्त्री ने टाटा ट्रस्ट्स से दिया इस्तीफा, जानिए नोएल टाटा को लिखे लेटर में क्या कहा

मेहिल मिस्त्री ने चेयरमैन नोएल टाटा सहित टाटा ट्रस्ट्स के सभी ट्रस्टीज को संबोधित करते हुए यह लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने ट्रस्टी पद छोड़ने के अपने फैसले का औपचारिक ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि टाटा ट्रस्ट्स को विवादों से दूर रखना और इसके बुनियादी मूल्यों को बनाए रखना ज्यादा जरूरी है

अपडेटेड Nov 04, 2025 पर 10:38 PM
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मेहिल मिस्त्री का कार्यकाल इस साल 27 अक्तूबर को खत्म हो गया था।

मेहिल मिस्त्री ने टाटा ट्रस्ट्स से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा को इस बारे में एक लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने ट्रस्टी के पद को छोड़ने के अपने फैसले के बारे में उन्हें बताया है। सीएनबीसी-टीवी18 ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। मिस्त्री को टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का करीबी माना जाता है। पिछले कई महीनों से टाटा ट्रस्ट्स के दो धड़ों में खींचतान की खबरें आ रही हैं।

मेहिल मिस्त्री ने चेयरमैन नोएल टाटा सहित टाटा ट्रस्ट्स के सभी ट्रस्टीज को संबोधित करते हुए यह लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने ट्रस्टी पद छोड़ने के अपने फैसले का औपचारिक ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि टाटा ट्रस्ट्स को विवादों से दूर रखना और इसके बुनियादी मूल्यों को बनाए रखना ज्यादा जरूरी है। सूत्रों के मुताबिक, मिस्त्री ने बताया है कि रतन टाटा के विजन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता में यह सुनिश्चित करना शामिल है कि टाटा ट्रस्ट्स का नाम किसी ऐसे विवाद में नहीं आना चाहिए, जिससे उसकी विरासत को ठेस पहुंचे।

मिस्त्री ने लेटर में लिखा है, "इसलिए रतन एन टाटा के मूल्यों को ध्यान में रखते हुए मैं उम्मीद करता हूं कि आगे दूसरे ट्रस्टीज के एक्शंस पारदर्शिता के सिद्धांत, गुड गवर्नेंस और पब्लिक इंटरेस्ट से प्रेरित होंगे। रतन टाटा ने हमेशा दूसरों के हित को खुद के हित से आगे रखा था। मैं रतन टाटा के एक कोट को यहां रखते हुए अलग होना चाहता हूं। रतन टाटा कहा करते थे-कोई व्यक्ति उस संस्था से बड़ा नहीं होता, जिसमे वह काम करता है।"


मेहिल मिस्त्री का कार्यकाल इस साल 27 अक्तूबर को खत्म हो गया था। ट्रस्टीज के बोर्ड ने 17 अक्तूबर, 2024 को लाइफटाइम ट्रस्टीज के रूप में उनकी दोबारा नियुक्ति का प्रस्ताव पारित किया था। लेकिन, सर दोराबजी ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट में उनके बने रहने की इजाजत तीन ट्रस्टीज की तरफ से नहीं मिली। इससे ट्रस्टीज के रूप में उनकी दोबारा नियुक्ति नहीं की जा सकी। पद छोड़ने से पहले मिस्त्री ने महाराष्ट्र चैरिट कमिश्नर के पास एक याचिका दाखिल की थी। इसमें उन्होंने ट्रस्टीज की लिस्ट में किसी तरह के बदलाव से पहले उनकी बात सुने जाने की मांग की थी।

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मिस्त्री के लेटर से कई हफ्तों से जारी अटकलों पर विराम लग गया है। वह औपचारिक रूप से टाटा ट्रस्ट्स से अलग हो गए हैं। टीवीएस मोटर कंपनी के मानद चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन और पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह ने ट्रस्टी के रूप में मिस्त्री की दोबारा नियुक्ति के प्रस्ताव के खिलाफ में वोट दिए थे।

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