ONGC : भारत की सबसे बड़ी तेल और गैस कंपनी ओएनजीसी ने सरकार से घरेलू क्रूड उत्पादक कंपनियों से वसूला जाने वाला विंडफाल प्रॉफिट टैक्स खत्म करने की मांग की है। कंपनी ने कहा कि इसके बजाय सरकार को वैश्विक स्तर पर एनर्जी की कीमतों में उछाल से होने वाली बम्पर अर्निंग को भुनाने के लिए डिविडेंड रूट का इस्तेमाल करना चाहिए।
गैस के लिए क्या हो फ्लोर प्राइस
गौरतलब है कि वैश्विक कीमतों में आए जोरदार उछाल के चलते तेल कंपनियों का लाभ अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है।
इस मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने कहा कि कंपनी प्राकृतिक गैस के लिए 10 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट के फ्लोर प्राइस का भी समर्थन करती है, जिससे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों से उत्पादन में सहायता मिले। वर्तमान सरकार ने प्राकृतिक गैस के लिए यह मूल्य तय किया है।
विंडफाल प्रॉफिट टैक्स लगाना अनुचित
सरकारी अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान पब्लिक सेक्टर की तेल और प्राकृतिक गैस कंपनी ओएनजीसी के प्रबंधन ने कहा कि घरेलू तेल उत्पादकों पर अप्रत्याशित लाभ कर यानी विंडफाल टैक्स लगाना अनुचित था। खासतौर से उस वक्त, जब सरकार ने रूस से रियायती तेल खरीद कर बचत सुनिश्चित की।
रूस से आयात से बचे 35,000 करोड़
उन्होंने कहा कि रूस से रियायती कच्चे तेल की खरीद से 35,000 करोड़ रुपये की बचत हुई और इसका इस्तेमाल घरेलू उत्पादन को बढ़ाने में किया जाना चाहिए। ओएनजीसी प्रबंधन ने सरकार से कहा कि रूसी तेल खरीद से होने वाली बचत को उस कंपनी को दिया जाए, जो इसे चिह्नित परियोजनाओं में निवेश करेगी।
सूत्रों ने कहा कि कंपनियों पर अप्रत्याशित लाभ कर लगाने के बजाय मुनाफा कमाने की अनुमति दी जानी चाहिए। कंपनी प्रबंधन ने सरकार से कहा कि इस प्रॉफिट का उपयोग डिविडेंड के लिए किया जा सकता है, जो एक ज्यादा उचित तरीका है।
मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, ओएनजीसी अपने नेट प्रॉफिट का 30 फीसदी तक सालाना लाभांश देती है।