Ritz Carlton hotel : द रिज कार्लटन होटल की ओनरशिप में बदलाव देखने को मिल सकता है। दरअसल, 300 करोड़ रुपये के कर्ज का पेमेंट नहीं करने पर यस बैंक (Yes Bank) इस प्रॉपर्टी को अपने अधीन लेने की योजना पर काम कर रहा है। इस होटल को एनईएल होल्डिंग्स साउथ लि. (पूर्व नाम नितेश एस्टेट्स) ने विकसित किया था।
होटल को बेच सकता है यस बैंक
इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले दो एग्जीक्यूटिव्स ने कहा कि यस बैंक इस प्रॉपर्टी को कब्जे में लेने के बाद इसे नए खरीदार को बेच सकता है या नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में याचिका दायर करके इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकता है।
यह प्रॉपर्टी मैरियट इंटरनेशनल द्वारा अपने Ritz Carlton brand के तहत शुरू किया गया पहला होटल है।
नितेश ग्रुप के शेट्टी को झटका
नितेश ग्रुप के फाउंडर-चेयरमैन और एमडी नितेश शेट्टी के लिए यह घटनाक्रम एक बड़ा झटका है। एक समय शेट्टी को रियल एस्टेट सेक्टर के दिग्गजों में गिना जाता था, लेकिन अब मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। एनईएल होल्डिंग्स पर न केवल बैंकों और लेनदारों का पैसा बकाया है, बल्कि प्रोजेक्ट्स पूरे नहीं होने पर प्रॉपर्टी के खरीदारों ने उनके खिलाफ अदालतों में कई मामले भी दायर कर रखे हैं।
सरफेशी एक्ट के तहत भेजा था नोटिस
एक अधिकारी ने कहा, Yes Bank ने बीते साल एनईएल होल्डिंग्स को सरफेशी एक्ट के तहत एक नोटिस भेजा था। सेक्शन 13(2) के तहत भेजे गए नोटिस से बॉरोअर के दो महीने तक बकाया जमा नहीं करने की स्थिति में यस बैंक होटल को कब्जे में लेने में सक्षम हो गया। इससे पहले वर्ष 2020 में यस बैंक ने Nitesh Group पर बकाया लोन को एनपीए घोषित कर दिया था।
इस संबंध में नितेश शेट्टी और यस बैंक के स्पोक्सपर्सन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
2010 में लिस्ट हुई NEL Holdings ने यस बैंक से लगभग 300 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, क्योंकि उसकी सब्सिडियरी नितेश रेजिडेंसी होटल्स प्रा. लि. शहर के सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में 281 कमरों का होटल बना रही थी।