सुबह से रात तक शरीर को लगातार ईंधन चाहिए। अगर ये ईंधन यानी ब्लड शुगर सही संतुलन में रहे, तो आप पूरे दिन एक्टिव, फोकस्ड और फ्रेश महसूस करते हैं। लेकिन जैसे ही ये बैलेंस बिगड़ता है, थकान, मूड स्विंग और बार-बार भूख लगना आम हो जाता है। भागदौड़ भरी लाइफ़स्टाइल, अनियमित खानपान और तनाव इस समस्या को बढ़ा देते हैं। अच्छी बात ये है कि सिर्फ़ दवाओं पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होती हमारे किचन में ही ऐसी कई जड़ी-बूटियां मौजूद हैं जो ब्लड शुगर को प्राकृतिक तरीके से संतुलित रखने में मदद कर सकती हैं। सही तरीके से इनका इस्तेमाल करने पर ये न केवल शरीर को मजबूत बनाती हैं बल्कि खाने का स्वाद भी बढ़ाती हैं।
दालचीनी इंसुलिन की कार्यक्षमता को बेहतर बनाती है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। इसे दलिया, कॉफी, स्मूदी या सब्ज़ियों में डाल सकते हैं। थोड़ी सी मात्रा ही काफी असर दिखाती है।
मेथी के बीज पचने में समय लेते हैं, जिससे कार्बोहाइड्रेट धीरे-धीरे शुगर में बदलते हैं। रातभर भिगोकर सुबह पानी पी लें या आटे व सब्जियों में पिसा पाउडर मिला लें। पकने पर इसका स्वाद हल्का और नट जैसा हो जाता है।
तुलसी न सिर्फ पवित्र पौधा है बल्कि तनाव घटाकर शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद करता है। इसे चाय में डालें, ताजी पत्तियां चबाएं या सूप में स्वाद बढ़ाने के लिए मिलाएं।
अदरक शुगर को सही तरह से मैनेज करने में मदद करता है। इसे नींबू पानी, चाय, सब्ज़ियों या मैरिनेड में डालें। इसका ताजा और तीखा स्वाद खाने को हल्का और जायकेदार बना देता है।
गुड़मार को आयुर्वेद में "शुगर डेस्ट्रॉयर" कहा जाता है क्योंकि ये मीठे का स्वाद कम कर देता है और ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। इसे चाय, कैप्सूल या उबाले हुए पानी में पत्तियां डालकर पी सकते हैं। (ध्यान रहे: सेवन सीमित मात्रा में करें या विशेषज्ञ की सलाह लें।)
धनिया बीज शरीर की गर्मी और पाचन को संतुलित रखते हैं, जिससे शुगर लेवल भी काबू में रहता है। इन्हें हल्के गुनगुने पानी में उबालकर पीएं या दाल और करी में डालें, इससे खाने में हल्का सा खट्टापन भी आ जाता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।