डायबिटीज आज के समय में एक बेहद सामान्य लेकिन गंभीर बीमारी बन चुकी है, जो एक बार हो जाए तो जीवनभर साथ रहती है। ये बीमारी शरीर में इंसुलिन की गड़बड़ी के कारण होती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है। हालांकि डायबिटीज को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन सही खानपान, रोजमर्रा की एक्टिविटी और आयुर्वेदिक उपायों से इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। भारत में सदियों से कई जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक तरीकों से गंभीर बीमारियों का इलाज होता आया है। इन्हीं में से एक है – आक का पौधा, जिसे आयुर्वेद में बेहद चमत्कारी माना गया है।
खासकर इसके पत्ते डायबिटीज कंट्रोल में अहम भूमिका निभा सकते हैं। अगर इन पत्तों का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह ब्लड शुगर लेवल को नेचुरल रूप से कम करने में मदद कर सकता है, बिना किसी साइड इफेक्ट के।
तलवों पर लगाइए आक के पत्ते
आक के पत्तों को खाने की बजाय यदि आप इन्हें अपने पैरों के तलवों पर कुछ समय के लिए लगाते हैं, तो ये ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकता है। रात में सोने से पहले पत्ते लगाकर मोजे पहनें और सुबह उन्हें हटा दें। इस आसान उपाय से ब्लड शुगर नैचुरली कंट्रोल में आ सकता है।
क्या है आक का पौधा और कैसे करता है काम?
आक को अंग्रेजी में Giant Calotrope और वैज्ञानिक रूप से Calotropis Gigantea कहा जाता है। ये पौधा विषैला होने के बावजूद आयुर्वेद में औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व ब्लड शुगर को बैलेंस करने में सहायक माने जाते हैं। यही नहीं, इसके रस का इस्तेमाल स्वर्णभस्म जैसी दवाओं में भी किया जाता है।
इस्तेमाल में बरतें ये सावधानियां
आक के पत्तों से एक सफेद द्रव निकलता है जो आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए इन्हें इस्तेमाल करते समय ध्यान रखें कि ये आंखों या बच्चों की पहुंच से दूर रहें। पत्ते ताजे और साफ होने चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।