एक आम माना जाने वाला वायरस, जिसे बीटा-एचपीवी (beta-HPV) कहा जाता है, असल में बहुत ज्यादा खतरनाक हो सकता है। अब पता चला है कि यह वायरस सीधे इंसान के स्किन सेल को नियंत्रित कर कैंसर पैदा कर सकता है, खासकर उन लोगों में जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है। एक 34 साल की महिला की कहानी बहुत डरावनी है। उसके माथे पर जो स्किन कैंसर था, वो ठीक होने के बाद भी बार-बार वापस आ रहा था, और न सर्जरी न ही इम्यूनोथेरेपी इसे रोक पाई। जब वैज्ञानिकों ने उसका DNA टेस्ट किया, तो पाया कि Beta-HPV वायरस उसके कैंसर सेल के DNA में घुसकर वहां अपनी प्रोटीन बना रहा था, जिससे कैंसर तेजी से बढ़ रहा था।
सबसे खतरनाक बात यह है कि यह वायरस आमतौर पर ऐसा नहीं करता था, पहले इसे केवल सूरज की रोशनी से होने वाले स्किन के नुकसान को बढ़ाने वाला माना जाता था, लेकिन अब पता चला कि यह वायरस खुद ही कैंसर पैदा करने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है।
इस महिला को एक जेनेटिक बीमारी थी, जो उसकी इम्यून सेल्स (टी-सेल्स) को वायरस से लड़ने से रोक रहा था। इसी वजह से उसकी बॉडी में यह वायरस बेधड़क फैल गया और कैंसर को बढ़ावा दिया।
आखिर में उसे बोन मैरो ट्रांसप्लांट करवाना पड़ा, जिससे उसके टी-सेल्स हेल्दी हुए और उसके कैंसर समेत सभी HPV से जुड़ी समस्याएं खत्म हो गईं, और तीन साल तक कोई दोबारा इंफेक्शन नहीं हुआ।
यह खोज बहुत बड़ी चेतावनी है कि यह वायरस कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए कितना जानलेवा हो सकता है। साथ ही यह बताती है कि हमें कैंसर के इलाज के लिए जरूरी है कि हम हर मरीज की बीमारी को उसकी हालत के अनुसार ही समझें और उसका इलाज करें।
यह वायरस केवल सूरज से होने वाले नुकसान की वजह से बनने वाले कैंसर से अलग एक नया खतरा है, जो सीधे तौर पर सेल्स के अंदर घुसकर काम कर सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह अध्ययन लोगों की सोच बदल सकता है कि कैसे इस तरह के स्किन कैंसर विकसित होते हैं और कैसे उनका इलाज किया जाना चाहिए, खासकर उन लोगों में जिनका इम्यून सिस्टम ठीक से काम नहीं करता।
साफ शब्दों में कहें, तो यह वायरस सिर्फ नुकसान बढ़ाने वाला नहीं, बल्कि सीधे कैंसर पैदा करने वाला भी हो सकता है, जिससे डरना लाजमी है, खासकर कमजोर इम्यून सिस्टम वालों के लिए। इसीलिए सावधानी और सही इलाज की जरूरत सबसे ज्यादा है।