कैंसर का नाम सुनते ही रूह कांप जाती है। कैंसर के कई प्रकार होते हैं और कहीं भी हो सकते हैं जिन्हें आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है। बोन कैंसर, जिसे मेडिकल भाषा में बोन सार्कोमा कहा जाता है। ये न केवल बुजुर्गों बल्कि बच्चों, किशोरों और युवाओं को भी अपना शिकार बना सकता है। हालांकि ये कैंसर के कुल मामलों का सिर्फ 0.2% हिस्सा होता है, फिर भी इसके लक्षण और प्रभाव बेहद गंभीर हो सकते हैं। ये कैंसर हड्डियों में शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है, जिससे इलाज की मुश्किलें बढ़ जाती है।
इसके मामले बहुत कम होते हैं, इसलिए जागरूकता भी सीमित है और लोग अक्सर इसके शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं। यही कारण है कि बोन कैंसर को लेकर सही जानकारी और समय पर पहचान बेहद जरूरी हो जाती है।
बोन सार्कोमा हड्डी की कोशिकाओं में उत्पन्न होता है, जो हड्डी बनाने का काम करती हैं। ये जांघ, बाहें, रीढ़ की हड्डी, पसलियां या श्रोणि की हड्डियों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि इसका कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन वंशानुगत आनुवंशिक सिंड्रोम या विकिरण के संपर्क में आना जोखिम बढ़ा सकता है।
इस कैंसर के लक्षण अक्सर मामूली चोट, खेल में लगी खरोंच या गठिया जैसे दर्द से मिलते-जुलते होते हैं। लेकिन जब ये लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं और आराम, दवाओं या समय के साथ नहीं मिटते, तब सतर्कता बेहद जरूरी हो जाती है।
बोन सार्कोमा में होने वाले दर्द की खास पहचान होती है यह रात में बढ़ जाता है और सामान्य गतिविधियों के दौरान भी तेज होता है। ये दर्द आराम या दर्दनिवारक दवाओं से नहीं जाता, जिससे सचेत होना चाहिए।
जैसे-जैसे ट्यूमर बढ़ता है, प्रभावित क्षेत्र सूज सकता है और वहां की त्वचा गर्म महसूस हो सकती है। इसे अक्सर चोट या खिंचाव समझ लिया जाता है, लेकिन अगर ये बिना किसी स्पष्ट कारण के रहे तो डॉक्टर से जांच करने में ही भलाई है।
ये कैंसर हड्डियों को अंदर से कमजोर बनाता है, जिससे मामूली चोट या गिरने पर भी फ्रैक्चर हो सकता है। साथ ही शरीर में अचानक वजन का गिरना भी एक चेतावनी संकेत हो सकता है कि हड्डी में कहीं ट्यूमर विकास कर रहा है।
अगर पर्याप्त आराम या नींद के बाद भी शरीर में थकान महसूस हो रही है, तो ये संकेत हो सकता है कि शरीर किसी गंभीर लड़ाई में व्यस्त है। बोन सार्कोमा जैसे कैंसर की वजह से ऊर्जा स्तर गिर जाता है और सामान्य थकान के तरीके काम नहीं आते।
ऑर्थोपेडिक्स विशेषज्ञ बताते हैं कि बोन सार्कोमा में जागरूकता की कमी से अक्सर निदान में देरी होती है। समय पर लक्षणों को पहचानने पर बेहतर इलाज संभव हो सकता है और जीवन की गुणवत्ता बरकरार रखी जा सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।