च्युइंग गम एक माउथफुल ट्रीट है। जिसे लोग स्वाद के लिए चबाते रहते हैं। अक्सर लोगों को खेलते, वॉक करते या काम करते वक्त च्युइंग गम चबाते हुए देखा जा सकता है। ऐसा करना भले ही आपको अच्छा लगता हो, लेकिन च्युइंग गम से सेहत की बैंड बज सकती है। एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि च्युइंग गम जैसे खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाला एडिटिव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। इन चीजों में मौजूद फूड एडिटिव की वजह से कोलोरेक्टल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी के रिसर्च करने वाली एक टीम के मुताबिक, E-171 नामक फूड एडिटिव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस फूड एडिटिव का इस्तेमाल खाद्य पदार्थों और कुछ दवाओं में ह्वाइटनिंग एजेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। E-171 नामक फूड एडिटिव च्युइंग गम समेत 900 से ज्यादा खाद्य पदार्थों में मिलाया जाता है।
च्युइंग गम से कैंसर का खतरा
बबलगम या च्युइंग गम खाने से शरीर को फायदे कम बल्कि नुकसान ज्यादा होता है अगर किसी व्यक्ति को दिन भर बबलगम खाने की आदत हो तो इसके नतीजे फिर और भी घातक हो सकते हैं। हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक च्युइंग गम या मेयोनीज जैसी चीजों में वाइटनिंग का इस्तेमाल होता है। इस फूड एडिटिव की वजह से पेट में जलन से जुड़ी बीमारी और कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा रहता है। वाइटनिंग एजेंट के तौर पर बड़ी मात्रा में खाने-पीने की कई चीजों और यहां तक की दवाईयों में भी होता है।
च्युइंग गम खाने से माइग्रेन का खतरा
बबलगम या च्युइंग गम के अधिक सेवन से सिरदर्द की समस्या हो सकती है। लगातार बबलगम चबाने से मांसपेशियों में खिंचाव होता है। इससे फिर माइग्रेन की समस्या हो सकती है।
अगर आप शुगर युक्त च्युइंग गम खाते हैं तो इससे दांतो से जुड़ी समस्या हो सकती है। इससे दांतों में सड़न, कैविटी और मसूड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है।
बबलगम में मेथोल और सोरिबटॉल जैसे आर्टिफिशियल स्वीटनर्स होते हैं। इससे आंतो में जलन पैदा होती है। ऐसे में डायरिया की समस्या हो सकती है।
ज्यादा च्युइंग गम के सेवन से दांतों को भी काफी नुकसान होता जिससे दांत गिर सकते हैं। इसकी वजह है च्युइंग गम में मौजूद शुगर कोट, जिससे दांतों में खराब बैक्टीरिया पैदा होते हैं।