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Health Tips: किचन में रखा ये मसाला किसी दवा से कम नहीं, डायबिटीज और हार्ट के लिए है रामबाण

Benefits Of Cinnamon : भारत में आमतौर पर दालचीनी के पेड़ की छाल का भीतरी हिस्सा मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में भी इसका काफी महत्व बताया गया है। कायाकल्प हर्बल क्लिनिक के डॉ. राजकुमार बताते हैं कि इसके उपयोग से बुखार, सूजन, सामान्य सर्दी और उल्टियां के साथ ही डायबिटीज और हार्ट जैसी गंभीर समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है

अपडेटेड Nov 09, 2024 पर 4:27 PM
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कायाकल्प हर्बल क्लिनिक के डॉ. राजकुमार बताते हैं कि इसके उपयोग से बुखार, सूजन, सामान्य सर्दी और उल्टियां के साथ ही डायबिटीज और हार्ट जैसी गंभीर समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है

भारत हमेशा से ही अपने मसालों और आयुर्वेद के लिए जाना जाता रहा है। हजारों सालों से यहां आयुर्वेद से गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज होता रहा है। आज के दौर में भी भले ही आधुनिक विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली हो लेकिन भारत के आयुर्वेद की प्रासंगिकता बनी हुई है। आज भी भारत समेत पूरी दुनिया में कई लोग आयुर्वेद में अपना भरोसा रखते हैं।

भारत के खानों में गरम मसालों की अपनी एक अलग स्थान है। ये ना सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ाते हैं बल्कि सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं। ऐसे ही एक मसाला दालचीनी है। जिसे भारत समेत दुनियाभर में खाने के स्वाद और खुशबू बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये काफी उपयोगी मसाला है। यही वजह है कि लोग पुराने समय में इसे बतौर करंसी भी इस्तेमाल करते थे।

बुखार, सूजन, सामान्य सर्दी को कम करने में प्रभावशाली है दालचीनी


दालचीनी के पेड़ की छाल मसाले के रूप में इस्तेमाल होताी है। भारत में हजारों सालों से इसका इस्तेमाल बुखार, सूजन और सामान्य सर्दी को दूर करने में किया जा रहा है। ये आपके घर के आस-पास किसी भी किराने दुकान में आसानी से मिल जाएंगे। आप इसका इस्तेमाल स्टिक्स, पाउडर, चाय और तेल के रूप में कर सकते हैं।

दालचीनी में पाए जाते हैं कई लाभकारी तत्व

दालचीनी में एंटी-वायरल गुण होते हैं। कई रिसर्च में पता चला है कि दालचीनी फ़्लू और डेंगू जैसे वायरस से बचाने में मदद करती है। दालचीनी में मौजूद पॉलीफ़ेनॉल जैसे एंटीऑक्सीडेंट, सूजन को कम करने में मदद करते हैं। दालचीनी में मौजूद कूमारिन, सिनामिक एसिड, यूजेनॉल, और सिनामेल्डिहाइड जैसे पादप यौगिक, सूजनरोधी, एंटीऑक्सीडेंट, और डायबिटीज को कंट्रोल करने में काफी प्रभावशाली है।

उम्र बढ़ने की रफ्तार को कर सकता है कम

लोकल 18 से बातचीत में उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित कायाकल्प हर्बल क्लिनिक के डॉ. राजकुमार (डी. यू. एम) बताते हैं कि दालचीनी में पॉलीफेनॉल्स नाम का एक विशेष प्लांट कम्पाउंड होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है।

एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता हैं, जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है। वहीं डॉ. राजकुमार आगे बताते हैं कि इसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों में हर्बल दवाओं के रूप में किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से शुगर और हार्ट जैसी गंभीर बीमारियों को भी कंट्रोल किया जा सकता है।

शुगर कंट्रोल करने के लिए रोज करें 6 ग्राम तक सेवन

डॉ. राजकुमार का कहना है कि अगर कोई ब्लड शुगर की समस्या से परेशान है। ऐसे में इसे कंट्रोल करने के लिए रोजाना 6 ग्राम तक दालचीनी का सेवन कर सकते हैं। नियमित रूप से दालचीनी का सेवन करने से ब्लड शुगर के स्तर में कमी आ सकती है। यह शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता को भी बढ़ा सकती है। जिससे बढ़े हुए शुगर को कंट्रोल करना आसान हो सकता है।

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