डायबिटीज खून में अतिरिक्त शुगर की मात्रा से संबंधित बीमारी है। इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इसकी वजह ये है कि यह धीरे-धीरे लगभग सभी महत्वपूर्ण ऑर्गन को खराब करने का काम करता है। इसमें मुख्य रूप से हार्ट, ब्रेन, किडनी, लिवर, आंख शामिल है। इसके साथ ही डायबिटीज बॉडी के हर फंक्शन को भी प्रभावित करता है। इस रोग से पीड़ित होने पर शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या उसे इसका ठीक से उपयोग करने में दिक्कत होती है। जिससे शरीर में इंसुलिन की कमी से शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है। देश में डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
डायबिटीज किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन बच्चे, किशोर और युवा वयस्क टाइप 1 डायबिटीज से अधिक प्रभावित होते हैं। जबकि टाइप 2 डायबिटीज 40 साल की आयु के बाद लोग ज्यादा पीड़ित होते हैं। यह बीमारी किडनी और दिल की बीमारियों का भी एक बड़ा रिस्क फैक्टर है।
सुबह से इन लक्षणों को कभी न करें इग्नोर
सुबह दिखने वाले डायबिटीज के लक्षणों में मुंह का सूखना आम लक्षणों में शामिल है। अगर आप अक्सर सुबह उठने के बाद मुंह सूखने या अत्यधिक प्यास लगने का अनुभव करते हैं, तो इसका कारण खून में बढ़ा शुगर हो सकता है। ऐसे में जरूरी है तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।
आप सुबह अपनी आंखें खोलते हैं और उस समय आपको कुछ भी धुंधला नजर आता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपकी आंखें कमजोर हैं। डायबिटीज के कारण भी धुंधला दिखाई दे सकता है। डॉक्टरों का मानना है कि ब्लड शुगर लेवल हाई होने से आंखों के लेंस बड़े हो जाते है। इसलिए ठीक से दिखाई देना बंद हो जाता है।
थकान डायबिटीज का एक सामान्य लक्षण है। इंसुलिन के कम प्रोडक्शन और खून में बढ़े शुगर के लेवल से शरीर में सुस्ती आ जाती है। हालांकि थकान ज्यादा काम करने, तनाव से होने वाली एक आम भी समस्या है। ऐसे में लोग इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं।
ब्लड शुगर का लेवल प्रति लीटर 4 मिलीमोल (mmol) से कम होने पर भूख, हाथों में कंपकंपी और पसीना आना जैसे डायबिटीज के शुरुआती संकेत दिख सकते हैं। गंभीर स्थिति में आप भ्रम और ध्यान लगाने में कठिनाइयों का भी अनुभव कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।