गर्मियों की तपती धूप और लू से राहत पाने के लिए हम अक्सर ऐसे खाद्य पदार्थों की तलाश करते हैं जो शरीर को अंदर से ठंडक दें। ऐसे में दही एक बेहद पसंदीदा और पारंपरिक विकल्प बन जाता है। चाहे रायता हो, लस्सी या छाछ – ये सभी पेट को ठंडक पहुंचाने के साथ ही पाचन में भी मददगार माने जाते हैं। दही में मौजूद कैल्शियम, प्रोटीन और प्रोबायोटिक्स इसे हेल्दी डाइट का अहम हिस्सा बनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेहतमंद माने जाने वाले इस खाद्य पदार्थ का रोजाना सेवन हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं होता? हर चीज की एक सीमा होती है और दही भी इसका अपवाद नहीं है।
इसकी तासीर ठंडी होती है, जो कुछ खास लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। आइए जानते हैं कि गर्मियों में रोजाना दही खाने से शरीर पर क्या-क्या विपरीत प्रभाव पड़ सकते हैं।
ठंडी तासीर से बिगड़ सकता है पाचन तंत्र
दही की प्रकृति ठंडी मानी जाती है। गर्मियों में ये फायदा तो देती है, लेकिन कुछ लोगों का पाचन तंत्र इतना संवेदनशील होता है कि ये ठंडक उल्टा असर डाल सकती है। ठंडी तासीर की वजह से डाइजेशन की गति धीमी पड़ सकती है, जिससे कब्ज की शिकायत बढ़ जाती है। अगर आप पहले से ही पाचन संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं, तो दही को सीमित मात्रा में ही खाएं।
वजन घटाना है तो संभलकर खाएं दही
दही भले ही हेल्दी फूड हो, लेकिन ये कैलोरी में भी कम नहीं है, खासकर फुल-फैट दही। अगर आप वजन घटाने की कोशिश में लगे हैं और साथ ही मीठा दही भी खा रहे हैं, तो ये आपकी मेहनत पर पानी फेर सकता है। इसलिए वेट लॉस की राह पर हैं तो दही को संतुलित मात्रा में ही शामिल करें।
जोड़ों के दर्द में बन सकती है मुसीबत
आयुर्वेद के अनुसार, दही की ठंडी तासीर शरीर में कफ बढ़ाती है। यही कफ जोड़ों में जमा होकर गठिया या जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं को और बढ़ा सकता है। ऐसे में अगर आप पहले से ही इस तरह की समस्या से पीड़ित हैं, तो दही का रोजाना सेवन न करें या डॉक्टर की सलाह लें।
गैस और एसिडिटी की बढ़ती परेशानी
कुछ लोगों के लिए दही का अधिक सेवन एसिडिटी और ब्लोटिंग यानी पेट फूलने की वजह बन सकता है। इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड पेट में जलन और गैस की समस्या को जन्म दे सकता है। अगर आपको अक्सर पेट भारी-भारी लगता है या डकारें आती हैं, तो दही को अपने आहार में सीमित रखें।
दही को दोपहर के समय खाएं, रात में नहीं।
यदि दही खानी है तो उसमें काली मिर्च या हींग मिलाएं ताकि पाचन ठीक रहे।
गठिया या एसिडिटी की समस्या हो तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही दही खाएं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।