डायबिटीज के मरीज इन दिनों दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहे हैं। गलत खानपान और बिगड़ती लाइफस्टाइल के चलते आज कल के युवा भी डायबिटीज जैसी बीमारी की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। यह एक ऐसी बीमारी है। जिसका कोई इलाज नहीं है। इसे सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्लड शुगर की हमेशा जांच करते रहना चाहिए। इससे बीमारी से बचने में मदद मिलती है। कई ऐसे प्राकृतिक फूड्स हैं। जिनसे शुगर के लेवल को कम किया जा सकता है। ऐसे ही मखाने का सेवन कर सकते हैं। इसे हेल्दी स्नैक्स के रूप में भी खूब खाया जाता है। मखाना एक प्रकार का बीज है। इससे कई बीमारियों से बचाव होता है।
मखाना, कमल के बीज या फिर जिसे हम अंग्रेजी में फॉक्स नट्स के नाम से भी जानते हैं। यह एंटी-डायबिटिक प्रभावों के लिए जाना जाता है। यह शरीर में ग्लूकोज के स्तर में सुधार करने और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। अगर आपका ब्लड शुगर लेवल ऊपर-नीचे होता रहता है, तो आपको अपनी डाइट में मखानों का सेवन जरूर करना चाहिए।
डायबिटीज के लिए मखाना है रामबाण
मखाना एक कम ग्लाइसेमिक वाला फूड है। इसमें मौजूद स्टार्च बॉडी में डाइजेस्ट होकर धीरे धीरे अब्सोर्ब किया जाता है। जिससे बॉडी का ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल और स्टेबल रहता है। मखाना में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। फाइबर युक्त फूड्स ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने में मदद करते हैं। यह कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा को कम करते हैं। मखाने में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में सेल्स को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले डैमेज से बचाते हैं। यह इंसुलिन लेवल को मेंटेन करते हैं। मखाना में मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है, जो ऑक्सीजन की सप्लाई कर ब्लड फ्लो को बेहतर करने में मदद करता है।
डायबिटीज के मरीज कैसे करें मखाने का सेवन
1 - मखाने को ड्राई रोस्ट करके खाया जा सकता है। थोड़ा ज्यादा टेस्ट बढ़ाने के लिए इसे घी या ऑलिव ऑयल में रोस्ट कर सकते हैं।
2 - मखाना किसी भी दाल या करी को ज्यादा पोष्टिक और टेस्टी बना सकता है।
3 - अगर आप कोई प्रॉपर डाइट प्लान फॉलो कर रहे हैं तो मखाने को ड्राई रोस्ट करने के बाद महीन पीसकर ज्वार या बाजरे के आटे में मिलाकर रोटी का सेवन कर सकते हैं।
4 - मखाना खीर, चाट और रायते के रूप में भी खूब पसंद किया जाता है।
डिस्क्लेमर - यहां बताए गए सुझाव संतुलित आहार का हिस्सा हैं जो लोगों के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। इसलिए किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स से सलाह लेने के बाद ही आजमाएं।