डायबिटीज के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, जो ज़िंदगीभर साथ में रहती है। इस बीमारी से पीड़ित होने पर मरीजों को अपने खानपान पर खासतौर से ध्यान देने की जरूरत है। लापरवाही बरतने पर कई अन्य बीमारियां दस्तक देती हैं। इसके लिए डायबिटीज के मरीजों को सही दिनचर्या, उचित खानपान और रोजाना वर्कआउट करना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों को अपने सोने और खाने-पीने का नियम जरूर बना लेना चाहिए। उन्हें पानी पीने पर भी खासतौर से ध्यान देने की जरूरत रहती है।
डायबिटीज खून में अतिरिक्त शुगर की मात्रा से संबंधित बीमारी है। इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इसकी वजह ये है कि यह धीरे-धीरे लगभग सभी महत्वपूर्ण ऑर्गन को खराब करने का काम करता है। यह किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन बच्चे, किशोर और युवा वयस्क टाइप 1 डायबिटीज से अधिक प्रभावित होते हैं। जबकि टाइप 2 डायबिटीज 40 साल की आयु के बाद लोग ज्यादा पीड़ित होते हैं। यह बीमारी किडनी और दिल की बीमारियों का भी एक बड़ा रिस्क फैक्टर है।
डायबिटीज के मरीज दोपहर में न सोएं
R. V. आयुर्वेद अस्पताल मुंबई के डॉक्टर अव्हाड गोरक्षनाथ (Dr. Avhad Gorakshnath) का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को कभी भी दोपहर में नहीं सोना चाहिए। अगर दोपहर में सोना बेहद जरूरी है तो भोजन करने के बाद बाईं करवट लेकर 10 मिनट तक आराम कर सकते हैं। गोरक्षनाथ ने आगे बताया कि दोपहर के भोजन के बाद डायबिटीज के मरीजों को टहलना चाहिए। अगर आप दिन में नहीं सोएंगे तो रात में पर्याप्त नींद ले सकते हैं। वहीं दोपहर का भोजन 12 बजे तक कर लेना चाहिए। जबकि रात का भोजन 8 बजे तक खत्म कर लेना चाहिए। रात के भोजन के बाद तुरंत नहीं सोना चाहिए। कम से कम 1-2 घंटे बाद ही सोना चाहिए।
डॉक्टर अव्हाड गोरक्षनाथ (Dr. Avhad Gorakshnath) ने आगे बताया कि डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को ठंडा पानी पीने के बजाय गुनगुना पानी ही पानी ही पीना चाहिए। ज्यादा गर्म पानी नहीं पीना चाहिए। यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। रात में सोते समय जितनी प्यास लगे, उतना ही पानी पीना चाहिए। जबरन पानी न पिएं। वहीं डायबिटीज के मरीजों को कम से आधा घंटा जरूर चलना चाहिए।
डायबिटीज के मरीज रोजाना करें योग
डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को योग जरूर करना चाहिए। योग के जरिए भी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। इसके लिए गोमुख आसन, तड़ासन, योग मुद्रा, कपाल भारती योगा और प्राणायाम योग जरूर करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।