देश में डायबिटीज के मरीज दिनों दिन तेजी से बढ़ रहे हैं। यह एक चिंता का विषय है। डायबिटीज से शरीर की हालत बेहद खस्ता हो जाती है। लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करके डायबिटीज की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी डाइट में बदलाव करना होगा। एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। डायबिटीज के मरीज गेहूं के आटे में बेसन का आटा मिलाकर रोटियां बनाकर सेवन कर सकते हैं। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है। बेसन में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिसमें प्रोटीन, फाइबर, कार्ब्स, कैल्शियम और पोटैशियम शामिल हैं।
दरअसल, चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 6 होता है। लेकिन जब इसे पीसकर बेसन बनाया जाता है तो इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 10 से कम होता है। लिहाजा यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहतर माना गया है। डायबिटीज के मरीज इसे सीमित मात्रा में सेवन कर सकते हैं।
बेसन और गेहूं के आटे की रोटियों से ब्लड शुगर रहेगा कंट्रोल
बता दें कि जब आप सामान्य गेहूं के आटे में कोई दूसरे अनाज का आटा मिलाकर रोटी बनाते हैं तो यह अधिक पौष्टिक हो जाता है। इससे आटे में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे में आप चाहें तो बेसन भी आटे में मिलाकर रोटी बना सकते हैं। गेहूं के आटे में बेसन या अन्य लेंटिल्स या अनाज का आटा मिलाकर इसे हाई प्रोटीन युक्त बना सकते हैं। इस आटे के सेवन से आपको ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इसके सेवन से वजन हमेशा कंट्रोल रहता है। वहीं बेसन को जब आप आटे में मिक्स करके रोटी बनाई जाती है तो इसमें फाइबर और प्रोटीन की मात्रा डबल हो जाती है। जिससे आपका पाचन तंत्र भी हेल्दी बना रहता है।
ऐसे मामले में बेसन हो सकता है खतरनाक
कई हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि बेसन काफी हद तक ब्लड शुगर बनाने में भी मदद करता है। बेसन से बनी चीजों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 28-35 के बीच पहुंच जाता है। ऐसे में यह खतरनाक साबित हो सकता है। लिहाजा डायबिटीज के मरीज बेसन से बनी चीजें भाजी, पकौड़ा, नमकीन का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों को कभी भी ऑयली फूड के रूप में नहीं खाना चाहिए। बल्कि इसे टोस्ट, चीला, रोटी के रूप में खा सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल लेवल रहेगा कंट्रोल
अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई रहता है तो आप गेहूं के आटे में बेसन मिलाकर गूंथें और इसकी रोटी खाएं। चने का आटा गेहूं के आटे में मिक्स करके खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई नहीं होता है। इस तरह से हार्ट डिजीज से भी बचे रह सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।