बदलते मौसम में छींकें और खांसी आना आम बात हो गई है। अगर ऐसा है तो इसके लिए मौसम में अचानक बदलाव को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। मौसम में बार-बार होने वाले बदलाव की वजह से बच्चे कई तरह की बीमारियों और वायरल इंफेक्शन का कारण होता है। गर्मी के मौसम में भी बहुत से लोगों को सर्दी लग जाती है। अगर ऐसा होता है तो यह बेहद खतरनाक है। ऐसे में लाइफ स्टाइल में बदलाव करके कुछ हद तक इस पर काबू पा सकते हैं। लिहाजा गर्मी में सर्दी लगने से सावधान हो जाएं, यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है।
रीवा सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अक्षय श्रीवास्तव ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि सैकड़ों वायरस होते हैं। ठंड के मौसम में जहां राइनोवायरस इसका मुख्य कारण होता है, वहीं गर्मियों में एंटरोवायरस अधिक सक्रिय होता है। इससे सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। इसके पाचन तंत्र बिगड़ जाता है। यह एंटरोवायरस हर सला लाखों लोगों को बीमार कर देता है।
गर्मियों में भी ठंड लगना या सामान्य तापमान पर ठंड का अनुभव होना कमजोर मेटाबॉलिज्म का लक्षण हो सकता है। अगर ऐसा लगातार बना हुआ है, तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। यह किसी न किसी समस्या के कारण है। लिहाजा फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कमजोर मेटाबॉलिज्म का पाचन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। मेटाबॉलिज्म के धीमे होने की वजह से पाचन समस्याएं आ जाती हैं। जिनमें प्रमुख रूप से कब्ज शामिल है। मेटाबॉलिज्म के धीमे होने पर पाचन प्रक्रिया भी धीमी हो जाती है। जिससे भोजन को पचने में समय लगता है। गर्मी के मौसम में ठंड लगने पर हल्का या तेज बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द, गले में खराश और सूखापन महसूस होता है। वहीं नाक भी बंद होना महसूस होता है। इसके साथ ही नाक बहने लगती है।
वायरल फ्लू से बचाव के तरीके
एक चुटकी काली मिर्च पाउडर को शहद के साथ मिलाकर लेने से नाक और गले में राहत मिलती है। गर्म दूध में काली मिर्च मिलाकर पीने से भी फायदा होता है।
गर्म पानी में पुदीना की पत्तियां डालकर भाप लेने से बंद नाक खुल जाती है। इसके साथ ही सर्दी जल्दी ठीक हो जाती है।
लहसुन में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। ऐसे में इसे हल्का सा भूनकर खाने से संक्रमण से बचाव होता है।
हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो सर्दी-जुकाम को तेजी से ठीक करने में मदद करते हैं। रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से फायदा होता है।
वायरल इंफेक्शन हमेशा गंदगी में तेजी से पनपता है। इसलिए हाथों को सही तरीके से पानी और साबुन से धोएं। अगर साबुन-पानी उपलब्ध नहीं है, तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। बच्चों और बुजुर्गों के साथ ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगह जैसे मेट्रो, बस और बाजार में ले जाने से बचें।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।