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पैर दे सकते हैं गंभीर बीमारी का इशारा, इन 5 लक्षणों को नजरअंदाज न करें

Warning Signs in Feet: पैर सिर्फ शरीर का सहारा नहीं, बल्कि सेहत के संकेत भी देते हैं। जब शरीर में कोई बड़ी गड़बड़ी होती है, तो इसके सुराग अक्सर पैरों में छिपे होते हैं। सूजन, ठंडापन या रंग बदलना जैसे लक्षण कई बार गंभीर बीमारियों का इशारा होते हैं। बस जरूरी है इन संकेतों को समय रहते पहचानना

अपडेटेड Apr 29, 2025 पर 11:19 AM
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Warning Signs in Feet: आर्थराइटिस, गाउट या स्ट्रेस फ्रैक्चर जैसी समस्याओं का परिणाम हो सकता है।

जब भी सेहत की बात होती है, तो हमारा ध्यान अक्सर दिल, दिमाग, फेफड़े या पाचन तंत्र जैसी प्रमुख अंगों पर ही जाता है। लेकिन हमारे शरीर का एक अहम हिस्सा पैर अक्सर छुट रह जाता है। जबकि हकीकत ये है कि हमारे पैर न केवल हमारे शरीर का भार उठाते हैं, बल्कि ये कई बार शरीर के भीतर चल रही गंभीर समस्याओं के संकेत भी देते हैं। पैरों में होने वाली कुछ सामान्य सी दिखने वाली तकलीफें, जैसे सूजन, झनझनाहट, त्वचा का रंग बदलना या ठंडापन, वास्तव में बड़ी बीमारियों की चेतावनी हो सकती हैं।

इन लक्षणों को अगर समय रहते पहचान लिया जाए, तो न सिर्फ बीमारी की पहचान जल्दी हो सकती है बल्कि समय पर इलाज से गंभीर स्वास्थ्य संकट से भी बचा जा सकता है। आइए जानते हैं पैरों से जुड़े कुछ ऐसे संकेत जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में बहुत कुछ कह सकते हैं।

  1. पैरों में लगातार सूजन

अगर पैरों में बार-बार सूजन आ रही है या लंबे समय तक बनी रहती है, तो ये सिर्फ थकान नहीं बल्कि दिल, किडनी या लीवर से जुड़ी परेशानी का संकेत हो सकता है।


दिल की कमजोरी से रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है जिससे सूजन आती है।

किडनी फेलियर में अतिरिक्त पानी शरीर से नहीं निकलता।

लीवर सिरोसिस से भी पैरों में फ्लूइड जम सकता है।

  1. हमेशा ठंडे रहते हैं पैर 

अगर आपके पैर अक्सर ठंडे रहते हैं, तो यह Peripheral Artery Disease (PAD), थायरॉइड गड़बड़ी या डायबिटीज की ओर इशारा कर सकता है।

PAD में रक्तवाहिनियां संकरी हो जाती हैं।

डायबिटीज में नसों को नुकसान पहुंचता है।

हाइपोथायरॉइडिज्म में भी शरीर का तापमान गिरता है।

  1. पैरों में सुन्नपन या झनझनाहट

लगातार झनझनाहट या सुन्नता का अनुभव डायबिटिक न्यूरोपैथी, विटामिन-B12 की कमी या रीढ़ की हड्डी की समस्याओं से जुड़ा हो सकता है।

नर्व डैमेज अक्सर हाई ब्लड शुगर से होता है।

विटामिन की कमी भी नसों को प्रभावित करती है।

स्लिप डिस्क से पैरों में संवेदना कम हो सकती है।

  1. त्वचा का रंग बदलना

अगर पैरों की त्वचा का रंग बदलकर पीला, नीला या लाल हो जाए, तो ये रेनॉड्स सिंड्रोम, खराब ब्लड फ्लो या इंफेक्शन की तरफ इशारा करता है।

PAD में ऑक्सीजन की कमी से त्वचा पीली दिखती है।

फंगल इंफेक्शन या एलर्जी से त्वचा का रंग बदल सकता है।

  1. दर्द और अकड़न

लगातार दर्द, सूजन या जकड़न आर्थराइटिस, गाउट या स्ट्रेस फ्रैक्चर जैसी समस्याओं का परिणाम हो सकता है।

गठिया में जोड़ों में सूजन आ जाती है।

यूरिक एसिड बढ़ने पर असहनीय दर्द होता है।

ज्यादा वॉक या रनिंग से हड्डी में बाल आ सकती है।

डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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