देश में डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और यह चिंता का विषय बन चुका है। डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में ब्लड शुगर का स्तर असंतुलित हो जाता है, जिससे हार्ट, किडनी और आंखों जैसी कई समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है। डॉक्टरों का मानना है कि हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज से ब्लड शुगर को काबू में रखना संभव है। ऐसे में कुछ नेचुरल चीजें भी काफी मददगार साबित हो सकती हैं। उन्हीं में से एक है अलसी के बीज।
रिसर्च के अनुसार अलसी में मौजूद फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड और लिगनेन जैसे तत्व ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। अगर डायबिटीज के मरीज इसे सही मात्रा में डाइट में शामिल करें तो यह नेचुरल उपाय की तरह काम कर सकता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए अलसी के बीज बेहद फायदेमंद होते हैं। इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और इनमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और शरीर की थकान को भी दूर करने में मदद करता है।
मरीजों को रोजाना एक चम्मच अलसी के बीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। पहले इन्हें हल्का भून लें और फिर ठंडा करके अच्छी तरह चबाकर खाएं। ध्यान दें कि इसे खाने से आधा घंटा पहले सुबह और रात में लें।
अलसी को सुपरफूड कहा जाता है क्योंकि इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह न केवल ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है, बल्कि हृदय रोग, गठिया और कैंसर के जोखिम को भी कम करता है।
पाचन तंत्र को भी बनाता है मजबूत
इन बीजों में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं, जो पाचन को बेहतर बनाने, कब्ज से राहत देने और आंतों के कामकाज को सुधारने में मदद करते हैं।
अलसी का पाउडर भी फायदेमंद
रोजाना 10 ग्राम अलसी पाउडर का सेवन ब्लड शुगर लेवल को लगभग 20% तक घटा सकता है। रिसर्च के मुताबिक, रोजाना 5 ग्राम अलसी लेने से फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज में 12 पॉइंट तक की गिरावट आई है।
आप चाहें तो अलसी का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं। ये ना सिर्फ शुगर कंट्रोल करता है, बल्कि वजन, बीपी, थायरॉइड और पेट की समस्याओं से भी राहत दिला सकता है। बस ध्यान रखें कि इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए सीमित मात्रा में ही सेवन करें।
कैसे बनाएं अलसी का काढ़ा?
धीमी आंच पर एक बर्तन रखें।
उसमें दो कप पानी और 2 चम्मच अलसी के बीज डालें।
इसे तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए।
हल्का ठंडा होने पर इसे पी लें।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।