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दादी मां के 18 नुस्खे अपनाएं, और बड़ी बीमारियों से पाएं हमेशा के लिए छुटकारा!

Health tips: आज की तेज लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की वजह से युवा भी पहले जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, जो पहले सिर्फ़ बुज़ुर्गों में होती थीं। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हृदय रोग आम हो गए हैं। पुराने समय के दादी-मां के घरेलू नुस्खे आज भी इन समस्याओं में राहत दे सकते हैं

अपडेटेड Aug 31, 2025 पर 2:09 PM
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Health tips: चीनी की जगह गुड़ या देशी शक्कर का प्रयोग करें।

स्वस्थ शरीर और दिमाग हर इंसान का सबसे बड़ा खजाना हैं। बदलती लाइफस्टाइल, ज्यादा काम का दबाव और अनियमित खानपान की वजह से पहले जो बीमारियां सिर्फ बुज़ुर्गों में होती थीं, आजकल वो युवाओं में भी आम हो गई हैं। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग और पाचन संबंधी समस्याएं अब युवा वर्ग में भी तेजी से बढ़ रही हैं। पुराने जमाने में लोग डॉक्टर्स के पास कम जाते थे और अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए दादी मां के घरेलू नुस्खों पर भरोसा करते थे। ये नुस्खे प्राकृतिक, सरल और असरदार होते थे।

आज भी ये नुस्खे प्रभावी हैं, लेकिन बदलते जीवनशैली और आधुनिकता की वजह से हम इन्हें अपनाना भूल गए हैं। सही आहार, आयुर्वेदिक उपाय और छोटे-छोटे घरेलू नुस्खे अपनाकर हम न केवल रोगों से बच सकते हैं बल्कि अपनी सेहत और जीवनशैली को भी बेहतर बना सकते हैं।

रसोई और खानपान के नुस्खे


सेंधा नमक और देशी घी: खाने में केवल सेंधा नमक और देसी गाय का घी उपयोग करने से पाचन बेहतर रहता है, वजन नियंत्रित रहता है और पेट की बीमारियां दूर रहती हैं।

तेल का चुनाव: रिफाइंड तेल छोड़कर तिल, मूंगफली, सरसों या नारियल का तेल प्रयोग करें। इससे शरीर में जमे केमिकल्स कम होते हैं और हृदय रोग का खतरा घटता है।

स्टील के बर्तन: खाना पकाने के लिए केवल स्टील या लोहे के बर्तन इस्तेमाल करें। एल्यूमिनियम और प्लास्टिक से निकलने वाले रसायन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

सब्जियों में मसाले: करी पत्ते, नीम और हल्दी का प्रयोग रोजाना करें। ये पेट साफ रखेंगे और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएंगे।

पानी और सफाई के नुस्खे

पानी हमेशा छाने हुए और साफ स्रोत से पिएं।

RO की बजाय UV वाला फिल्टर इस्तेमाल करें।

रसोई में एक डस्टबिन अंदर और एक बाहर रखें।

रसोई में घुसते ही नाक में हल्का सरसों या नारियल तेल लगाने से सिर और फेफड़े स्वस्थ रहते हैं।

दादी मां के सरल नुस्खे

त्रिफला पानी: आधा चम्मच त्रिफला रात को पानी में भिगोकर सुबह आंखों को धोएं। इससे दृष्टि स्वस्थ रहती है।

कच्चा जीरा: आधा चम्मच रात को भिगोकर सुबह खाली पेट चबाने से एसिडिटी दूर होती है।

अजवायन और नींबू: सर्दियों में बाहर जाते समय मुंह में अजवायन रखकर निकलें। नींबू में हल्दी और फिटकरी मिलाकर दांतों पर लगाने से रोग नहीं लगते।

दही और अंकुरित अनाज: सुबह के खाने में ताजा देसी दही और अंकुरित अनाज शामिल करें। ये पाचन और प्रतिरोधक क्षमता के लिए बेहतरीन हैं।

मानसिक स्वास्थ्य और आराम

खाना बनाते समय हल्का संगीत चलाएं। इससे थकान कम होती है और मन खुश रहता है।

भोजन का समय निश्चित रखें और बीच में बात न करें। इससे पाचन बेहतर होता है।

रोजाना एक्यूप्रेशर प्लेटफॉर्म पर खड़े होकर खाना बनाने की आदत डालें।

ठंडी और हानिकारक चीजों से बचाव

ठंडी चीजें और बाहर का तला-भुना खाना कम खाएं।

चीनी की जगह गुड़ या देशी शक्कर का प्रयोग करें।

माइक्रोवेव ओवन और प्लास्टिक के बर्तन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

इस तरह रोजाना के छोटे-छोटे बदलाव, दादी के नुस्खे और आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर आप बड़ी से बड़ी बीमारी से बच सकते हैं। स्वास्थ्य बनाए रखना अब सिर्फ संभव ही नहीं, बल्कि आसान भी है।

डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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