घर में बना खाना सेहत और पाचन दोनों के लिए अच्छा होता है। इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन खाने की चीजों के कुछ ऐसे कॉम्बिनेशन हैं, जिन्हें घर या बाहर कहीं खाना खतरे की घंटी होता है। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट और योग शिक्षिका जूही कपूर ने आयुर्वेदिक दिशानिर्देश पर आधारित खाने के कुछ ऐसे संयोजन साझा किए हैं, जिनका सेवन पाचन की बैंड बजा सकता है। ये सूची उन्होंने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर की है, जिसे हिंदुस्तान टाइम्स ने प्रकाशित किया है। इस लिस्ट में कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जिनको देखकर आप दुनिया भूल जाते होंगे, लेकिन यह न सिर्फ आपके पाचन यानी डायजेशन को खराब करते हैं बल्कि सेहत पर भी प्रतिकूल असर डालते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में
फल और दूध का खास कॉम्बिनेशन मिठाइयों और स्मूदी में अक्सर शामिल होता है। हालांकि, आयुर्वेद इस संयोजन को पाचन के लिए अच्छा नहीं मानता है। फल और दूध का एक साथ सेवन करने पर फल पेट में फर्मेंट हो सकता है, जिससे पेट फूलना और बेचैनी हो सकती है। इस मामले में पके आम और दूध अपवाद हैं, क्योंकि इन्हें संगत माना जाता है।
पालक और पनीर दोनों ही अलग-अलग पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। लेकिन इनका कॉम्बिनेशन पाचन के लिए मुसीबत का कारण बन सकता है। आयुर्वेद बताता है कि पनीर में मौजूद कैल्शियम, पालक में मौजूद आयरन को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता में बाधा डाल सकता है। नतीजतन, आपको इन दोनों पौष्टिक चीजों का पूरा लाभ नहीं मिल पाता।
आयुर्वेद के मुताबिक, शहद को गर्म पानी में मिलाने से उसके लाभकारी एंजाइम और एंटीऑक्सीडेंट नष्ट हो जाते हैं, जिससे इसकी पौष्टिकता कम हो जाती है। वास्तव में, बहुत गर्म पानी हानिकारक यौगिक भी बना सकता है। इसलिए आयुर्वेद शहद को गर्म पानी के साथ मिलाने से सख्ती से मना करता है।
ये जानकर शायद बहुत से लोगों को दिल टूट सकता है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार आइसक्रीम को गुलाब जामुन के साथ बिल्कुल नहीं मिलाना चाहिए। आइसक्रीम की ठंडी, मलाईदार मिठास के साथ गरमागरम गुलाब जामुन की चाशनी का मिश्रण पाचन संबंधी परेशानी पैदा कर सकता है। यह गर्म और ठंडे का मिश्रण है, क्योंकि आयुर्वेद गर्म और ठंडे खाद्य पदार्थों को एक साथ खाने से बचने की सलाह देता है। ऐसा करने से पेट फूलना, गैस या पेट दर्द हो सकता है।
नाश्ते या स्नैक्स के साथ चाय बहुत से घरों में आम बात होगी। लेकिन ये कॉम्बिनेशन आपके पाचन के लिए बुरा आइडिया हो सकता है। आयुर्वेद के मुताबिक, चाय में टैनिन और कैफीन होता है, जो शरीर में आयरन और कैल्शियम के अवशोषण में बाधा डाल सकता है। भोजन के अलावा चाय पीना बेहतर पाचन और पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए अच्छा होगा।
खजूर में आयरन भरपूर मात्रा में होता है, जबकि दूध में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। हालांकि, इन दोनों को एक साथ लेने पर पालक पनीर जैसी ही स्थिति होती है। दूध में मौजूद कैल्शियम खजूर से आयरन को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता में बाधा डाल सकता है।
आयुर्वेद में दूध और मछली को विरुद्ध आहार (असंगत खाद्य पदार्थ) माना जाता है। आयुर्वेद दोनों को भारी खाद्य पदार्थ मानता है। ये दोनों मिलकर आपके पाचन तंत्र पर भारी पड़ सकते हैं। इन्हें मिलाने से शरीर में जहरीले पदार्थ जमा हो सकते हैं और अपच हो सकती है।