बच्चों का दिमाग और शरीर बचपन में ही तेजी से विकसित होते हैं, इसलिए इस उम्र में उनका पोषण और खान-पान बेहद महत्वपूर्ण होता है। सही और संतुलित आहार से बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत होती है, उनकी सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है और दिमाग तेज बनता है। दादी-नानी के पुराने नुस्खों में भी बच्चों को प्राकृतिक और पौष्टिक चीजें खिलाने पर जोर दिया जाता था, जैसे गाय का दूध, दही, हल्दी वाला दूध, देशी घी, देशी फल और बादाम, अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स। ये चीजें न केवल शरीर को मजबूत बनाती थीं, बल्कि दिमाग के विकास में भी मदद करती थीं।
आजकल छोटे बच्चे जंक फूड, पैक्ड फूड और तैलीय चीजें ज्यादा खाने लगे हैं, जिससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास प्रभावित हो रहा है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों की डाइट में दादी-नानी के नुस्खों वाली पौष्टिक चीजें शामिल की जाएं, ताकि उनका दिमाग तेज और शरीर स्वस्थ रहे।
छोटे बच्चों का मुख्य आहार जन्म के बाद दो-तीन साल तक दूध ही होता है। गाय का शुद्ध दूध बच्चों को सुबह और शाम देना चाहिए। इसमें कैल्शियम और जरूरी विटामिन्स पाए जाते हैं, जो हड्डियों और दिमाग के विकास में मदद करते हैं।
बादाम, अखरोट और काजू बच्चों के दिमाग और शरीर दोनों के लिए फायदेमंद हैं। रोजाना थोड़े-थोड़े ड्राई फ्रूट्स खाने से बच्चों की समझदारी और याददाश्त बढ़ती है।
दादी-नानी हमेशा कहती थीं कि बच्चों की ताकत और दिमाग के लिए घी जरूरी है। घी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो इम्यूनिटी मजबूत करते हैं। बच्चों को हर दिन थोड़ी मात्रा में देसी घी देना उनके विकास के लिए फायदेमंद है।
केला बच्चों के लिए फायदेमंद फल है। इसमें विटामिन B6, विटामिन C, विटामिन A, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फाइबर पाया जाता है। रोजाना केला खाने से बच्चों को तुरंत एनर्जी मिलती है और उनका विकास बेहतर होता है।
बुंदेलखंड और अन्य क्षेत्रों में छोटे बच्चों को अंडा खिलाना आम है। अंडा प्रोटीन, विटामिन डी, विटामिन B और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इससे बच्चों का दिमाग तेज और शरीर मजबूत बनता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।