बरसात के मौसम में सर्दी- जुकाम होना एक आम समस्या है। छींक आना हमारे शरीर की एक सामान्य रिफ्लेक्स क्रिया है, जो अक्सर बाहरी प्रदूषण, धूल या किसी एलर्जन के संपर्क में आने से होती है। हालांकि ये शरीर की सफाई की एक प्रक्रिया है, लेकिन जब ये बार-बार या लगातार होने लगे, तो ये न केवल खुद के लिए बल्कि आस-पास के लोगों के लिए भी असुविधा का कारण बनती है। इससे सिरदर्द, चिड़चिड़ापन और थकान जैसी समस्याएं का सामना करना पड़ता हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में ऐसी ही कुछ घरेलु नुस्खों के बारे में बताएंगे, जो आपको तुरंत राहत दिला सकते है।
कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता
आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक, बार-बार छींक आना केवल एलर्जी या बदलाव से जुड़ा नहीं होता, ये शरीर की कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी संकेत हो सकता है। छींक के जरिए नाक और गले में जमा हुए दूषित तत्व बाहर निकलते हैं, लेकिन जब ये ज्यादा हो जाए, तो ये संकेत देता है कि शरीर बाहरी तत्वों से खुद को पूरी तरह नहीं बचा पा रहा है।
शरीर में छींक की प्रक्रिया कैसे होती है
जब कोई तेज गंध, धूल या धुआं नाक में प्रवेश करता है, तो नाक की अंदर सतह यानी म्यूकस झिल्ली में गुदगुदी होने लगती है। ये झिल्ली बहुत संवेदनशील होती है और किसी भी उत्तेजना पर तुरंत प्रतिक्रिया देती है। मस्तिष्क को इसका संकेत मिलता है और वो फेफड़ों और नाक की मांसपेशियों को सक्रिय कर देता है, जिससे तेज गति से छींक आती है और वो कण बाहर निकल जाता है।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
लगातार छींक आने के साथ अगर आंखों में लाली, नाक बहना, खुजली, सिर में भारीपन या सूंघने की शक्ति में कमी जैसे लक्षण दिखाई दें, तो ये किसी एलर्जी या संक्रमण की ओर संकेत करता है। लंबे समय तक इन लक्षणों को नजरअंदाज करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
छींक से राहत के घरेलू उपाय
अगर आप बार-बार छींक आने से परेशान हैं, तो कुछ आसान घरेलू उपायों से राहत पाई जा सकती है। अदरक जिसे अयुर्वेद में बेहद गुणकारी माना गया है। इसका रस और गुड़ मिलाकर सेवन करना शरीर को गर्माहट देता है और एलर्जी से राहत दिलाता है। दालचीनी और शहद वाला गर्म पानी पीने से नाक की सूजन कम होती है और छींक की तीव्रता घटती है। इसी तरह अजवाइन को उबालकर बनाया गया काढ़ा या शहद के साथ हल्दी वाला दूध भी शरीर को अंदर से मजबूत करता है। हींग की गंध सूंघना नाक को खोलता है और बार-बार छींक आने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। वहीं पुदीने की भाप लेने से नाक की सफाई होती है और राहत मिलती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।