डायबिटीज यानी मधुमेह, आज के दौर की सबसे तेजी से फैलने वाली लाइफस्टाइल बीमारियों में शामिल है। ये बीमारी न केवल शरीर की इंसुलिन प्रक्रिया को प्रभावित करती है, बल्कि धीरे-धीरे आंखों, किडनी, दिल और नसों को भी नुकसान पहुंचा सकती है। खराब खानपान, तनाव, मोटापा और निष्क्रिय दिनचर्या इसके प्रमुख कारण हैं। ऐसे में ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए दवाओं के साथ-साथ सही डाइट पर ध्यान देना बेहद जरूरी हो जाता है। खासकर फलों का चुनाव करते समय डायबिटीज के मरीजों को काफी सोच-समझकर कदम उठाना पड़ता है।
लेकिन कुछ ऐसे सुपरफूड्स हैं जो न केवल शरीर को पोषण देते हैं, बल्कि ब्लड शुगर को नैचुरल तरीके से कंट्रोल करने में भी मददगार साबित होते हैं। ऐसा ही एक गुणकारी और आसानी से मिलने वाला फल है आंवला। यह छोटा सा फल बड़े-बड़े फायदे छिपाए हुए है, खासकर शुगर के मरीजों के लिए।
क्या डायबिटीज में आंवला खाना सुरक्षित है?
बहुत से लोग ये सोचते हैं कि खट्टा आंवला डायबिटीज में नुकसानदेह हो सकता है, लेकिन सच्चाई इसके उलट है। आंवला यानी इंडियन गूज़बेरी पोषक तत्वों का खजाना है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन C, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स होते हैं जो न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, बल्कि ब्लड शुगर को भी कंट्रोल में रखते हैं।
ब्लड शुगर कंट्रोल में आंवला कैसे करता है मदद?
एक स्टडी के मुताबिक, रोजाना 1 से 3 ग्राम आंवले का पाउडर लेने से फास्टिंग और खाने के बाद की ब्लड शुगर लेवल में सुधार देखा गया है। आंवले में मौजूद क्रोमियम नामक मिनरल इंसुलिन की क्रिया को बेहतर बनाता है। इससे कोशिकाओं में ग्लूकोज़ का अवशोषण बेहतर होता है, जिससे ब्लड शुगर धीरे-धीरे कम होने लगता है।
डायबिटीज के मरीज कैसे करें आंवले का सेवन?
यदि आप खट्टा स्वाद पसंद करते हैं तो सुबह-सुबह खाली पेट एक कच्चा आंवला चबाकर खाना सबसे असरदार तरीका हो सकता है।
सूखा आंवला पाउडर गर्म पानी में मिलाकर पीने से भी वही फायदे मिलते हैं। चाहें तो इसे स्मूथी या छाछ में भी मिलाकर लिया जा सकता है।
अगर कच्चा आंवला नहीं खा पाते, तो बिना शक्कर वाली आंवला कैंडी या हल्का मीठा मुरब्बा खा सकते हैं। ध्यान रहे कि इसमें चीनी की मात्रा न्यूनतम हो।
अगर ताजा आंवला उपलब्ध न हो, तो बाजार में मिलने वाले आंवला कैप्सूल या टैबलेट भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। एक कैप्सूल में औसतन 500 से 1000 mg तक आंवला पाउडर होता है।
अचार या शुगर से भरपूर मुरब्बे से बचें क्योंकि इनमें नमक, तेल या चीनी ज़्यादा होता है।
डोज का ध्यान रखें: किसी भी चीज़ को ज़रूरत से ज़्यादा लेना नुकसानदेह हो सकता है, इसलिए सीमित मात्रा में सेवन करें।
ब्लड शुगर मॉनिटर करते रहें, खासकर जब डाइट में कोई नई चीज शामिल कर रहे हों।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।