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Fatty Liver Disease : जानिये ग्रेड1 और ग्रेड 2 फैटी लीवर में अंतर और इसे रिवर्स करने के लिए क्या करें

फैटी लीवर की समस्या आज के दौर में काफी आम हो गयी है। हमारे आसपास कोई न कोई इस बीमारी का शिकार है। फैटी लीवर में ग्रेड1 और ग्रेड2 दो तरह की बीमारी आमतौर पर अधिक देखने को मिलती है। समय से ध्यान देने पर इससे पूरी तरह बाहर आ सकते हैं। आइये जानते हैं इसमें क्या अंतर है और इसे किस तरह रिवर्स कर सकते हैं।

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 09, 2025 पर 5:23 PM
Fatty Liver Disease : जानिये ग्रेड1 और ग्रेड 2 फैटी लीवर में अंतर और इसे रिवर्स करने के लिए क्या करें
Ayurvedic Remedy for Fatty Liver: ये चाय शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालती है और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण लिवर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाती है।

फैटी लीवर की बीमारी पहले जहां कभी-कभार सुनने को मिलती थी, वहीं अब ये आम बात है। इसके शुरुआती ग्रेड1 और ग्रेड2 के चरण पर तो जल्दी किसी का ध्यान भी नहीं जाता। लोग इसे सामान्य डाइजेशन प्रॉब्लम मानकर घरेलू इलाज कर लेते हैं। इसका खुलासा तब होता है, जब डॉक्टर आपको एलएफटी का टेस्ट कराने के लिए कहते हैं।

आपका लीवर फैटी होना ये बताता है कि आपके शरीर का ये बेहद महत्वपूर्ण अंग लंबे समय से क्या-क्या बरदाश्त कर रहा है, वो भी बिना आपसे कोई शिकायत किये। इस परेशानी को हल्के में लेना आपको गंभीर खतरे की तरफ भी धकेल सकता है। आइये जानते हैं कि ग्रेड1 और ग्रेड2 फैटी लीवर में क्या अंतर है और क्या इसे ठीक या रिवर्स किया जा सकता है। अगर हां, तो इसके लिए लाइफस्टाइल और खानपान में किस तरह के बदलाव करने होंगे।

क्या होता है फैटी लीवर

लीवर सेल्स में ज्यादा फैट जमा होने की स्थिति को फैटी लीवर डिजीज या हेपेटिक स्टेटोसिस कहते हैं। लेकिन फैटी लीवर ग्रेड 1 हमेशा सुरक्षित नहीं होता, और ग्रेड 2 लीवर में सिर्फ फैट बढ़ने का इशारा नहीं है, बल्कि ये उसकी बनावट और कामकाज में बदलाव की शुरुआत का संकेत है।

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