लीवर हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है, जो खून को साफ करता है, पित्त (बाइल) बनाता है, संक्रमण से लड़ता है और पोषक तत्वों को नियंत्रित करता है। लेकिन यह भी सच है कि लीवर कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाता है, जिन्हें अक्सर 'साइलेंट किलर्स' यानी चुपके से मारने वाले रोग कहा जाता है। इनमें शुरुआती संकेत इतने कम नजर आते हैं कि हम उन्हें आम तौर पर उम्र बढ़ने या तनाव का अंजाम समझ लेते हैं।
लीवर की खराबी को समझने के लिए कुछ ऐसे छिपे हुए लक्षण होते हैं, जिन पर ध्यान देना काफी जरूरी है। पहला और सबसे सामान्य संकेत है लगातार थकान महसूस होना। जब लीवर ठीक से काम नहीं करता, तो शरीर में जमा हुए जहरीले पदार्थ आपको थका-थका और बीमार महसूस कराते हैं। दूसरा लक्षण है त्वचा और आंखों का पीला पड़ना, जिसे जॉन्डिस कहते हैं। न सिर्फ आंखों के सफेद हिस्से में पीला रंग, बल्कि महिलाओं में गर्दन और बगल में त्वचा का काला पड़ जाना भी लीवर बीमारी का एक संकेत हो सकता है। तीसरा और अहम संकेत है मानसिक स्थिति में बदलाव आना। लिवर के खराब होने से मूड स्विंग्स, भूलने की समस्या, कन्फ्यूजन और मानसिक बेचैनी हो सकती है। इसे कभी-कभी डिप्रेशन या मानसिक बीमारी समझ लिया जाता है, लेकिन यह लीवर खराब होने की भी वजह हो सकती है।
लीवर की बीमारी शरीर पर अन्य तरह से भी असर डालती है, जैसे हाथों की हथेली का लाल हो जाना, त्वचा पर छोटे-छोटे लाल धब्बे (स्पाइडर एंजियोमा), क्योंकिं पित्त के नमक रक्त में जमा होने की वजह से खुजली और लगातार चोट लगना बिना वजह। महिलाओं के लिए यह और भी खास है क्योंकि लीवर हार्मोन के संतुलन में मदद करता है। अगर लीवर ठीक से काम नहीं करता तो माहवारी में अनियमितता, ज्यादा या कम रक्तस्राव, या कभी-कभी बंद भी हो सकती है।
मांसपेशियों का कमजोर होना या घट जाना भी एक चेतावनी है, खासकर जब यह लगातार और बिना किसी स्पष्ट वजह के हो। लीवर प्रोटीन और पोषक तत्वों को सही से नहीं हजम कर पाता, जिससे मांसपेशियां कमजोर पड़ती हैं। इसके साथ ही सबसे जरूरी लक्षण होता है पेशाब का रंग है। अगर पेशाब गहरे चमकीले भूरे रंग का या एम्बर रंग का हो जाए, तो यह लीवर की बीमारी की चेतावनी देता है। इसी तरह मल का रंग फिका या मिट्टी जैसा हो जाना भी लिवर खराब होने का सूचक हो सकता है।
अगर आप इनमें से कोई भी संकेत महसूस करते हैं, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। लीवर की बीमारी शुरुआत में सही इलाज से ठीक हो सकती है। अपना खान-पान, जीवनशैली और नियमित चेकअप से आप अपने लीवर को स्वस्थ रख सकते हैं। आपको कापी ध्यान रखने की जरूरत है क्योंकि लीवर की बीमारियां चुपके से बढ़ती हैं, लेकिन यदि समय रहते सावधानी बरती जाए तो ये बीमारियां आपके जीवन को बुरी तरह प्रभावित नहीं कर सकतीं। अपनी सेहत का ख्याल रखें और इन छिपे संकेतों पर नजर रखें।