अगर सिरदर्द के साथ दिखें ये 5 लक्षण, तो समझ जाइए माइग्रेन हो चुका है शुरू!
Migraine: आजकल सिरदर्द आम बात हो गई है, लेकिन हर दर्द माइग्रेन नहीं होता। दोनों के लक्षण और कारण अलग होते हैं। कई लोग भ्रम में सही इलाज नहीं कर पाते। ऐसे में जरूरी है समझना कि सामान्य सिरदर्द और माइग्रेन में फर्क क्या है, ताकि सही समय पर इलाज और राहत मिल सके
Migraine: सिरदर्द वो परेशानी है जिससे लगभग हर व्यक्ति कभी न कभी जरूर गुजरता है।
आजकल की व्यस्त और भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में सिरदर्द एक आम समस्या बन चुकी है। थकान, नींद की कमी या तनाव से उपजा हल्का सिरदर्द अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन जब यही दर्द बार-बार लौटकर आता है और आंखों या एक साइड के सिर में तेज चुभन जैसी पीड़ा देता है, तो मामला गंभीर हो सकता है। कई लोग इसे माइग्रेन समझ लेते हैं, जबकि जरूरी नहीं कि हर सिरदर्द माइग्रेन ही हो। अक्सर दोनों को लेकर भ्रम बना रहता है और सही पहचान न होने की वजह से इलाज में देरी हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि हम समझें—सामान्य सिरदर्द और माइग्रेन के बीच का फर्क।
ये न सिर्फ सही इलाज में मदद करता है, बल्कि लंबे समय तक राहत पाने का रास्ता भी दिखाता है। अगर आप भी बार-बार सिरदर्द से परेशान रहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद अहम हो सकती है।
सिरदर्द
सिरदर्द वो परेशानी है जिससे लगभग हर व्यक्ति कभी न कभी जरूर गुजरता है। ये दर्द सिर के दोनों ओर, माथे, कान के पास या गर्दन के पीछे महसूस हो सकता है। इसकी तीव्रता हल्की भी हो सकती है और कभी-कभी ये कुछ घंटों तक बनी रह सकती है। आमतौर पर ये मानसिक तनाव, थकान, नींद की कमी या आंखों पर ज्यादा जोर देने से होता है।
ये दर्द कुछ मिनटों से लेकर 4 घंटे तक रह सकता है और इसे आराम, नींद या हल्के पेनकिलर से नियंत्रित किया जा सकता है। सिरदर्द का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये बिना किसी अन्य लक्षण के आता है और अक्सर गंभीर नहीं होता।
माइग्रेन
माइग्रेन एक आम सिरदर्द नहीं है, बल्कि ये एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जो किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता पर गहरा असर डाल सकती है। इसमें आमतौर पर सिर के एक तरफ बहुत तेज़, धड़कता हुआ दर्द होता है, जो कई बार एक ही स्थान पर बार-बार होता है।
इस दर्द के साथ मतली, उल्टी, रोशनी और आवाज के प्रति संवेदनशीलता, आंखों के पीछे दर्द, चिड़चिड़ापन और कभी-कभी देखने में धुंधलापन भी महसूस होता है। माइग्रेन कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकता है और ये किसी व्यक्ति की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।
माइग्रेन को ट्रिगर करने वाले कारक
माइग्रेन का दर्द कई वजहों से ट्रिगर हो सकता है, जैसे:
मानसिक तनाव और चिंता
पर्याप्त नींद न लेना
अनियमित भोजन या भूखे रहना
हार्मोनल बदलाव, खासकर महिलाओं में
तेज रोशनी, तेज आवाज या अधिक गर्मी
इन कारणों की पहचान कर इन्हें समय रहते नियंत्रित करना माइग्रेन को कम करने में मददगार हो सकता है।
सिरदर्द और माइग्रेन में असली फर्क कैसे पहचानें?
सिरदर्द में आमतौर पर सिर्फ सिर में हल्का या मध्यम दर्द होता है और इसके साथ कोई विशेष लक्षण नहीं जुड़ा होता। ये अक्सर कुछ देर के आराम या नींद के बाद ठीक हो जाता है।
वहीं माइग्रेन में दर्द बेहद तेज और एक तरफा होता है, जो अक्सर धड़कते हुए या झटकों जैसा महसूस होता है। इसके साथ मतली, उल्टी, ध्वनि या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
इसलिए, अगर आपको बार-बार सिर के एक तरफ तेज़ दर्द के साथ ये लक्षण नजर आएं, तो इसे साधारण सिरदर्द मानने की भूल न करें।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
अगर आपका सिरदर्द बार-बार हो रहा है, दर्द की तीव्रता बढ़ती जा रही है या सामान्य उपायों से राहत नहीं मिल रही, तो आपको किसी न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। माइग्रेन एक गंभीर स्थिति बन सकती है, अगर इसका सही समय पर इलाज न किया जाए।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।