डायबिटीज के बढ़ते मामलों के बीच सहजन (Drumstick या मोरिंगा) एक प्राकृतिक तोहफा साबित हो रहा है। यह सिर्फ एक पोषण से भरपूर सब्जी नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के कई आयामों में मददगार सुपरफूड है। सहजन में मौजूद फॉस्फोरस, जिंक और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित करते हैं, बल्कि शरीर की इम्यूनिटी भी मजबूत बनाते हैं। इसके अलावा, सहजन के एंटीऑक्सिडेंट गुण शरीर को तनाव और सूजन से बचाते हैं, जो डायबिटीज से जुड़ी जटिलताओं को कम करने में मदद करते हैं। इस तरह सहजन एक प्राकृतिक इलाज की तरह काम करता है, जो दवाइयों के साथ मिलकर भी बेहतर असर दिखाता है।
अगर आप भी अपनी दिनचर्या में सेहतमंद बदलाव चाहते हैं, तो सहजन को अपने आहार में शामिल करना फायदेमंद रहेगा। आइए, जानते हैं सहजन के और भी कई फायदे और इसे अपनाने के आसान तरीके।
सहजन में छुपे हैं कई औषधीय गुण
सहजन सिर्फ एक सब्जी नहीं, बल्कि इसका हर हिस्सा जैसे पत्तियां, फल, बीज और फूल भी औषधीय गुणों से भरपूर हैं। आयुर्वेद में इसे कई बीमारियों का इलाज माना गया है। सहजन में एंटीफंगल, एंटीवायरल, एंटीडिप्रेसेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं।
ब्लड शुगर कंट्रोल में सहजन की अहमियत
सहजन नेचुरली इंसुलिन की मात्रा बढ़ाकर डायबिटीज को नियंत्रित करता है। इसमें मौजूद विटामिन और मिनरल्स खून में ग्लूकोज के स्तर को संतुलित रखते हैं, जिससे ब्लड शुगर सही स्तर पर बना रहता है।
सहजन से स्किन और बाल भी चमकें
सहजन में विटामिन A, B और फोलिक एसिड होते हैं, जो त्वचा में निखार लाते हैं और बालों को मजबूत बनाते हैं। यह खून साफ करता है और मुहांसों की समस्या को कम करता है, जिससे आपकी त्वचा दमक उठती है।
सहजन का सही सेवन कैसे करें?
सहजन की पत्तियों का उपयोग कच्चा, पाउडर या जूस के रूप में किया जा सकता है। इन्हें पानी में उबालकर शहद और नींबू मिलाकर भी पी सकते हैं। इसके अलावा सहजन को सूप और करी में डालकर भी खाया जा सकता है। रोजाना लगभग 2 ग्राम सहजन की खुराक लेनी चाहिए, लेकिन सही मात्रा के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।