क्या आप भी बातचीत के दौरान या सोचते हुए अनजाने में उंगलियां चटकाते हैं? बहुत से लोग इसे तनाव दूर करने या मन हल्का करने का तरीका मानते हैं। लेकिन ये आदत सिर्फ एक अस्थायी राहत नहीं, बल्कि धीरे-धीरे जोड़ों की सेहत पर असर डालने वाली एक गंभीर आदत बन सकती है। कई रिसर्च और डॉक्टरों की राय बताती है कि बार-बार उंगलियां चटकाना शरीर के लुब्रिकेशन सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे हड्डियों के बीच घर्षण बढ़ता है और सूजन, दर्द या यहां तक कि गठिया जैसी बीमारियों की शुरुआत हो सकती है।
ये एक ऐसी आदत है जो अनजाने में हमारे मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकती है। यदि आपने अभी तक इसे हल्के में लिया है, तो अब वक्त है सतर्क होने का। जानिए कैसे ये आम सी लगने वाली हरकत आपकी सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।
क्यों आती है उंगलियों से “टिक-टिक” की आवाज?
जब हम उंगलियां चटकाते हैं तो जोड़ों के बीच मौजूद सिनोवियल फ्लूइड (Synovial Fluid) में गैस बबल्स बनते और फूटते हैं, जिससे आवाज आती है। ये फ्लूइड जोड़ों को चिकनाई देने का काम करता है, जैसे मशीन में ग्रीस। लेकिन बार-बार ऐसा करने से लिगामेंट्स पर दबाव पड़ता है और हड्डियों के बीच रगड़ बढ़ जाती है।
लगातार उंगलियां चटकाना कैसे बन सकता है खतरा?
हर बार उंगलियों को चटकाने से जोड़ों पर खिंचाव आता है। इससे वहां सूजन आने लगती है और दर्द का अहसास होने लगता है। कभी-कभी छूने भर से ही तकलीफ महसूस होने लगती है।
ज्यादा बार उंगलियां चटकाने से सिनोवियल फ्लूइड कम हो सकता है। जब जोड़ों में चिकनाई की कमी आती है, तो हड्डियां आपस में रगड़ खाने लगती हैं, जिससे गठिया (अर्थराइटिस) होने की संभावना बढ़ जाती है।
जो लोग लंबे समय तक उंगलियां चटकाते रहते हैं, उनकी हड्डियों में सूक्ष्म स्तर पर बदलाव आ सकते हैं। इससे हड्डियां कमजोर पड़ सकती हैं और वक्त से पहले ही उनमें जकड़न या दर्द शुरू हो सकता है।
क्या करें इस आदत से बचने के लिए?
जब भी उंगलियां चटकाने का मन हो, ध्यान किसी और काम में लगाएं।
हाथों की एक्सरसाइज या स्ट्रेचिंग करें जिससे तनाव दूर हो।
मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग से भी राहत मिल सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।