मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र का छतरपुर जिला इन दिनों मुनगा नामक पौधे की वजह से काफी चर्चा में है। मुनगा, जिसे सहजन, मोरिंगा या सुजना के नाम से भी जाना जाता है, अपने स्वास्थ्य लाभों के कारण खासा लोकप्रिय हो गया है। यह पौधा न केवल सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है, बल्कि इसकी सब्जी भी स्वाद में लाजवाब और पोषण से भरपूर होती है। छतरपुर के ग्रामीण इलाकों में मुनगा की मांग तेजी से बढ़ रही है क्योंकि लोग इसे अपने घरों में उगाने लगे हैं और अपने खानपान का हिस्सा बना रहे हैं।
किसान भी अब इसे एक लाभदायक फसल के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि मुनगा कम पानी और देखभाल में भी ज्यादा मेहनत नहीं मांगता। यह पौधा बंजर और सूखे इलाकों में भी आसानी से उग जाता है, जिससे यह बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र के लिए आदर्श माना जा रहा है।
मुनगा का आयुर्वेदिक महत्व
मुनगा का वैज्ञानिक नाम Moringa Oleifera है। आयुर्वेद में इसे 300 से अधिक बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये पौधा साल भर फल देता है और इसकी लंबी फलियां यानी ड्रमस्टिक खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। छतरपुर के आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. राजेश अग्रवाल लोकल 18 से बात करते हुए बताते हैं कि मुनगा में एंटी-डायबिटिक, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाले) गुण होते हैं। ये श्वास संबंधी बीमारियों, ब्लड शुगर नियंत्रित करने और शरीर की सूजन घटाने में बहुत प्रभावी है। इसके पत्ते और फलियां दोनों ही औषधीय दृष्टि से लाभकारी माने जाते हैं।
स्वादिष्ट और पौष्टिक सब्जी का विकल्प
मुनगा केवल औषधीय पौधा ही नहीं, बल्कि इसकी फलियों से बनी सब्जी भी लाजवाब होती है। मुनगा की फलियां दाल में डालकर, आलू के साथ पकाकर या अकेले सब्जी बनाकर खाई जाती हैं। खासकर सर्दियों में ये शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है। स्वाद और सेहत दोनों का बेहतरीन मेल मुनगा को हर घर में पसंदीदा बनाता जा रहा है।
छतरपुर में मुनगा की बढ़ती लोकप्रियता
छतरपुर और आसपास के इलाकों में लोग अब घरों में मुनगा के पौधे लगाना शुरू कर चुके हैं। इसका कारण ये है कि मुनगा बंजर जमीन में भी आसानी से उग जाता है और इसकी देखभाल में ज्यादा मेहनत नहीं लगती। किसान भी इसे आर्थिक रूप से लाभकारी समझकर इसकी खेती में रुचि ले रहे हैं। इस तरह मुनगा न केवल सेहत का खजाना है, बल्कि किसान और ग्रामीण इलाकों के लिए एक अच्छा आय का स्रोत भी बनता जा रहा है।
मुनगा की खेती से जुड़े लोग कहते हैं कि भविष्य में इसकी मांग और भी बढ़ेगी क्योंकि लोग अब प्राकृतिक और स्वस्थ भोजन की ओर अधिक ध्यान देने लगे हैं। छतरपुर में यह पौधा लोगों के जीवन में सेहत और समृद्धि दोनों लेकर आ रहा है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।