आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में लोग फिर से पुराने देसी नुस्खों की तरफ लौटने लगे हैं। जो चीजे कभी दादी-नानी की सीख मानी जाती थीं, अब वही बातें हेल्थ और सेल्फ-केयर ट्रेंड का हिस्सा बन रही हैं। ऐसा ही एक सरल लेकिन असरदार तरीका है, सोने से पहले नाभि में देसी घी लगाना। ये सिर्फ एक परंपरा नहीं रही, बल्कि अब लोग इसे एक तरह की रिलैक्सेशन थेरेपी की तरह अपनाने लगे हैं। दिनभर की थकावट के बाद जब आप खुद को कुछ पल देते हैं और नाभि पर घी लगाते हैं, तो इससे एक अलग ही सुकून मिलता है।
ये आदत न सिर्फ शरीर को आराम देती है, बल्कि मन को भी शांत करती है। सोशल मीडिया और हेल्थ इंफ्लुएंसर्स भी अब इस देसी उपाय की खूब चर्चा कर रहे हैं। आसान, सस्ता और घरेलू होने के कारण ये तरीका फिर से लोगों की दिनचर्या में जगह बना रहा है।
नाभि हमारे शरीर का वो हिस्सा है, जो पेट की नसों और तंत्रिका तंत्र से जुड़ा होता है। ऐसे में जब हल्के हाथों से वहां घी लगाया जाता है, तो उसका असर सिर्फ त्वचा पर नहीं, अंदरूनी सुकून पर भी पड़ता है। कई लोग बताते हैं कि इससे गैस, भारीपन या पेट की ऐंठन में आराम मिलता है। ये कोई जादू नहीं, बल्कि एक शांत करने वाला स्पर्श और देसी घी की गर्मी का असर है।
महिलाओं के लिए पीरियड्स के दिनों में घी की ये मालिश किसी राहत जैसी साबित हो सकती है। नाभि के आसपास घी लगाने से पेट की मांसपेशियां थोड़ी रिलैक्स होती हैं और ऐंठन कम महसूस होती है। साथ ही ये एक तरह का ध्यान जैसा भी काम करता है, जो मूड को भी बैलेंस करने में मदद करता है।
ये सुनने में मजाक जैसा लगता है, लेकिन बहुत लोग ये मानते हैं कि नाभि में घी लगाने से होंठों की सूखापन और फटने की दिक्कत कम हो जाती है। इसका सीधा कनेक्शन भले न हो, पर जब शरीर में नमी बनी रहती है और शरीर को आराम मिलता है, तो उसका असर चेहरे और स्किन पर भी दिखता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।