कुछ पेड़ सिर्फ पर्यावरण को शुद्ध करने या छांव देने तक सीमित नहीं होते, बल्कि उनमें सेहत के खजाने और आध्यात्मिक ऊर्जा भी छिपी होती है। ऐसा ही एक पेड़ है पाकड़, जिसे आयुर्वेद, योग और धार्मिक परंपराओं में विशेष स्थान प्राप्त है। यह बरगद की तरह विशाल और शीतल छाया देने वाला पेड़ न केवल प्रकृति का रक्षक है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी वरदान माना जाता है। इसकी छाल, पत्तियां और जड़ें कई बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होती हैं। खास बात यह है कि इस वृक्ष के नीचे काकभुशुण्डि जी ने गरुड़ को रामकथा सुनाई थी, जिससे इसका आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, इसकी छाल हड्डियों को मजबूत बनाती है, पत्तियां डायबिटीज में फायदेमंद होती हैं और घावों पर इसका चूर्ण रक्तस्राव रोकने में मदद करता है। आज जब प्राकृतिक इलाज की ओर रुझान बढ़ रहा है, पाकड़ फिर से चर्चा में है।
काकभुशुण्डि और पाकड़ का खास रिश्ता
कहा जाता है कि काकभुशुण्डि जी को ऋषि लोमश के श्राप से कौवा बनना पड़ा था। लेकिन रामभक्ति की ताकत से उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान मिला। उन्होंने वाल्मीकि से भी पहले भगवान राम की कथा गरुड़ को सुनाई थी, और वो कथा इसी पाकड़ वृक्ष के नीचे सुनाई गई थी।
क्यों बरसात में लगाना चाहिए पाकड़?
पेड़ लगाने के शौकीन लोग जान लें कि मानसून यानी बरसात का मौसम पाकड़ लगाने के लिए सबसे अच्छा है। लोकल 18 से बात करते हुए डॉ. राजेश अग्रवाल ने बताया कि यह पेड़ नमी वाली मिट्टी में तेजी से बढ़ता है और उत्तर भारत की जलवायु इसके लिए एकदम उपयुक्त है।
ऑक्सीजन देने वाला प्राकृतिक एयर प्यूरीफायर
पाकड़ की खासियत ये है कि इसमें पतझड़ बहुत कम होता है, जिससे यह सालभर प्रकाश संश्लेषण करके ज्यादा ऑक्सीजन छोड़ता है। इसकी घनी छाया, लंबी उम्र और किसी भी स्थिति में जीवित रहने की ताकत इसे पर्यावरण का रक्षक बनाती है।
सेहत के लिए भी वरदान है पाकड़
पाकड़ सिर्फ छांव या हवा देने वाला पेड़ नहीं, बल्कि ये कई बीमारियों का इलाज भी करता है:
इसकी छाल का काढ़ा हड्डियों को मजबूत करता है।
पत्तियां डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करती हैं।
इसका चूर्ण चोट या घाव पर लगाने से खून बहना रुकता है।
नासूर और त्वचा रोगों में ये रामबाण माना गया है।
पंचवटी में पाकड़ का खास स्थान
पाकड़ को वट, पीपल, रसाल और करील के साथ पंचवटी में शामिल किया गया है। ये ना सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि प्रदूषण कम करने में भी मदद करता है। घर की उत्तर दिशा में इसे लगाना शुभ माना गया है।
योग और आयुर्वेद में भी पाकड़ का महत्व
महर्षि पतंजलि ने पाकड़ का नाम संस्कृत में प्लक्ष बताया है और इसे एक प्रभावशाली औषधीय वृक्ष माना है। आयुर्वेद और योग में इसका खास उपयोग होता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।