Peas Side Effects: मटर, सर्दियों का ऐसा तोहफा है जो हर रसोई को महकाने और हर खाने की थाली को रंगीन बनाने का काम करता है। मटर पनीर, मटर पुलाव, मेथी मलाई मटर या मटर कचौड़ी ये लाजवाब डिशेज सर्दियों को खास बना देती हैं। स्वादिष्ट होने के साथ-साथ मटर फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है जो हमारी इम्युनिटी को मजबूत करने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मटर का ज्यादा सेवन सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है मटर का स्वाद तो दिल जीत लेता है।
इसके पीछे कुछ ऐसे साइड इफेक्ट्स छिपे हैं जिन्हें नजरअंदाज करना आपके स्वास्थ्य के लिए महंगा पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि मटर के ज्यादा सेवन से क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं और क्यों इसे संतुलित मात्रा में खाना चाहिए।
मटर में प्यूरीन नामक कंपाउंड होता है जो शरीर में टूटकर यूरिक एसिड में बदल जाता है। अगर इसका स्तर बढ़ जाए तो गठिया गाउट और किडनी स्टोन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जिन लोगों को पहले से ही इन बीमारियों का खतरा है उन्हें मटर का सेवन कम करना चाहिए।
मटर में कार्बोहाइड्रेट और स्टार्च की अच्छी-खासी मात्रा होती है। यह ऊर्जा तो देता है लेकिन ज्यादा खाने पर वजन बढ़ सकता है, खासकर जब इसे अन्य हाई-कैलोरी फूड के साथ खाया जाए। वजन घटाने की कोशिश कर रहे लोगों को इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए।
फाइबर से भरपूर मटर पाचन सुधारने में मदद करता है लेकिन ज्यादा फाइबर पेट फूलने, गैस, कब्ज और दस्त का कारण बन सकता है। साथ ही मटर में कुछ शुगर होती हैं जिन्हें पचाने में शरीर को समय लगता है जिससे पाचन संबंधी दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।
मटर में प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है जिसे शरीर से निकालने के लिए किडनी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। किडनी की बीमारी से जूझ रहे लोगों को मटर का सेवन सीमित करना चाहिए।
कुछ लोगों को मटर से एलर्जी हो सकती है। इसके लक्षणों में गले में खुजली, सूजन, दाने, पेट दर्द, उल्टी, और सांस लेने में दिक्कत शामिल हो सकते हैं। अगर ऐसा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
मटर का सेवन कैसे करें सुरक्षित?
सीमित मात्रा में मटर खाएं खासकर अगर कोई स्वास्थ्य समस्या हो।
कच्चे मटर की तुलना में पकाए हुए मटर को पचाना आसान होता है।
मटर को दाल चावल या सलाद में मिलाकर खाएं ताकि पोषक तत्व संतुलित रहें।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।