सिर घूमना या चक्कर आना एक आम समस्या लग सकती है, लेकिन जब ये बार-बार हो तो इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं। आज की तेज रफ्तार जिंदगी में थकावट और स्ट्रेस आम है, मगर लगातार चक्कर आना वर्टिगो जैसी गंभीर स्थिति की ओर इशारा कर सकता है। अगर बैठने या खड़े होने पर संतुलन बिगड़ता है, तो ये सिर्फ कमजोरी नहीं हो सकती। ये शरीर के अंदर चल रही किसी गंभीर गड़बड़ी का संकेत भी हो सकता है। कई बार ये समस्या अचानक आती है और फिर सामान्य हो जाती है, लेकिन बार-बार इसका दोहराव चिंता का विषय है।
ऐसे लक्षणों को हल्के में न लें, क्योंकि वर्टिगो एक न्यूरोलॉजिकल समस्या भी हो सकती है जो जीवन की गुणवत्ता पर सीधा असर डालती है। समय रहते सही जांच और इलाज बेहद जरूरी है ताकि इस स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके।
वर्टिगो कोई साधारण चक्कर नहीं होता। ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि चारों तरफ की चीजें घूम रही हैं, जबकि वास्तव में सब कुछ स्थिर होता है। इस समस्या का सीधा संबंध कान के अंदर स्थित संतुलन प्रणाली से होता है। सबसे आम प्रकार का वर्टिगो है BPPV (Benign Paroxysmal Positional Vertigo)। इसमें कान के अंदर मौजूद छोटे-छोटे कैल्शियम कण अपनी जगह से हटकर कान की नलियों में चले जाते हैं, जिससे ब्रेन को भ्रमित करने वाले संकेत मिलते हैं।
किन कारणों से हो सकता है वर्टिगो?
अचानक झुकने या करवट लेने पर
वर्टिगो के लक्षण क्या हैं?
वर्टिगो के लक्षण अचानक शुरू हो सकते हैं और आमतौर पर कुछ सेकंड से कुछ मिनट तक रहते हैं। इसके प्रमुख लक्षण हैं:
बिस्तर पर करवट लेते ही असहज महसूस होना
सिर ऊपर या नीचे करने पर चक्कर आना
उल्टी जैसा महसूस होना या उल्टी होना
शरीर का संतुलन बिगड़ जाना
आंखों का बिना कंट्रोल के हिलना
ये लक्षण देखने में छोटे लग सकते हैं, लेकिन इनसे दिनचर्या पर बड़ा असर पड़ता है।
कब दिखाना चाहिए डॉक्टर को?
अगर ये लक्षण बार-बार महसूस हो रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। कभी-कभी चक्कर आना स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर या मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी बड़ी बीमारियों का भी संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से समय पर मिलना बेहद जरूरी है। डॉक्टर कुछ बेसिक फिजिकल टेस्ट और स्कैन से वर्टिगो की पहचान कर सकते हैं।
वर्टिगो का इलाज कैसे होता है?
इस समस्या का इलाज संभव है और इसके लिए दवाइयों के साथ-साथ खास फिजियोथेरेपी तकनीकों का भी सहारा लिया जाता है। Epley Maneuver नाम की एक तकनीक बहुत कारगर मानी जाती है, जिसमें सिर की कुछ खास गतिविधियों के जरिए कान के अंदर खिसक चुके कैल्शियम कणों को उनकी सही जगह पर लाया जाता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।