आपने शायद देखा होगा कि कुछ लोग धूप में बाहर निकलते ही उनके चेहरे पर लालिमा आ जाती है। कभी-कभी यह लाल धब्बे जैसे भी नजर आते हैं। ज्यादातर लोग इसे सनबर्न या विटामिन डी की कमी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि ये कारण हमेशा चेहरे की लालिमा का मुख्य कारण नहीं होते। एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर यह समस्या बार-बार हो रही है और व्यक्ति के चेहरे पर लंबे समय तक लालिमा बनी रहती है तो यह रोजेशिया (स्किन इन्फ्लेमेशन) की वजह से भी हो सकता है।
रोजेशिया एक प्रकार की स्किन कंडीशन है जो खासतौर पर नाक और गालों के आस-पास होती है। इसमें व्यक्ति को चेहरे पर जलन या चुभन जैसे अहसास भी हो सकते हैं। यह एक गंभीर त्वचा समस्या हो सकती है, जिसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं है और सही इलाज की आवश्यकता होती है।
रोजेशिया एक स्किन इन्फ्लेमेशन है। जिसकी मतलब त्वचा में जलन होना होता है। विशेषज्ञ अनुसार कुछ अध्ययनों में विटामिन बी2, बी9 और बी12 की कमी के कारण रोजेशिया की समस्या होने के प्रमाण मिले हैं। रोजेशिया की समस्या होने के बाद बी3 और बी12 की कमी इसके लक्षणों को बढ़ाने का कारण भी बनती है।
ये सप्लीमेंट्स हो सकते हैं मददगार
रोजेशिया के कारणों में विटामिन बी की कमी प्रमुख मानी जाती है लेकिन इसके लक्षणों से राहत पाने में कई अन्य सप्लीमेंट्स भी सहायक हो सकते हैं। इनमें सबसे पहले विटामिन ए का नाम आता है। त्वचा पर किए गए विभिन्न शोधों से यह पता चला है कि विटामिन ए को आहार में शामिल करने से चेहरे की लालिमा को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, विटामिन बी3, जिंक सल्फेट, ओमेगा-3 और विटामिन के का सेवन भी रोजेशिया के लक्षणों को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
इन चीजों से भी करें परहेज
अध्ययनों में यह पाया गया है कि तनाव और चिंता से प्रभावित लोगों में रोजेशिया के लक्षण अधिक होते हैं। इसलिए, ध्यान या मेडिटेशन की प्रैक्टिस करने की सलाह दी जाती है, जो मन को शांत करने में मदद करती है। नियमित रूप से ऐसा करने से रोजेशिया के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, अल्कोहल का सेवन भी त्वचा की समस्याओं को बढ़ा सकता है, इसलिए इससे बचना चाहिए।
स्किन केयर, हेयर केयर और अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते वक्त सावधानी बरतें, क्योंकि कुछ प्रोडक्ट्स रोजेशिया के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं।
गर्म पेय, जैसे चाय और कॉफी, भी रोजेशिया के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं, इसलिए इनका सेवन सीमित करने की सलाह दी जाती है।
अगर समस्या ज्यादा या लगातार बनी हुई है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। रोजेशिया के लक्षण और इन्फ्लेमेशन की स्थिति के आधार पर चिकित्सक उपचार करते हैं। आमतौर पर डॉक्टर इलाज के लिए कुछ खाने वाली दवाएं और क्रीम का प्रयोग करने की सलाह देते है। इस बात का खास ध्यान रखें कि बिना डॉक्टर की सलाह के इलाज करने से स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।