आज की तेज रफ्तार जिंदगी में अच्छी नींद लेना हर किसी की प्राथमिकता बन गई है, और इसके लिए लोग कई अलग-अलग उपाय आजमाते हैं। इन्हीं में से एक है बिना कपड़ों के सोना। माना जाता है कि इससे नींद बेहतर आती है, शरीर को आराम मिलता है और स्किन को भी सांस लेने का मौका मिलता है। लेकिन क्या वाकई ये आदत इतनी फायदेमंद है, जितनी कही जाती है? कई विशेषज्ञों का मानना है कि ये आदत फायदे के साथ-साथ कई नुकसान भी ला सकती है, जिनके बारे में लोग अक्सर अनजान रहते हैं। ये सिर्फ हेल्थ से नहीं, बल्कि सफाई, आपात स्थितियों, मानसिक स्थिति और संस्कृति से भी जुड़ा मसला है।
ऐसे में बिना सोचे-समझे इस आदत को अपनाना कई तरह की परेशानियों का कारण बन सकता है। आइए, विस्तार से जानते हैं इसके नुकसान और इससे जुड़ी जरूरी सावधानियों के बारे में।
नींद के दौरान शरीर से गैस का उत्सर्जन सामान्य है। विशेषज्ञों के अनुसार, कपड़े न पहनने पर इन गैसों में मौजूद सूक्ष्म मलकण चादर, गद्दे और त्वचा पर जम सकते हैं। इससे स्किन एलर्जी, जलन या इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
गर्मी में तो यह आदत कभी-कभी आरामदेह हो सकती है, लेकिन सर्दियों में शरीर को गर्म रखने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे में नींद टूटने की संभावना बढ़ जाती है और नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।
भारतीय शास्त्रों में नग्न अवस्था में सोने को चंद्रमा और पितरों का अपमान माना गया है। माना जाता है कि रात के समय पितृ अपने प्रियजनों को देखने आते हैं, ऐसे में नग्न अवस्था उन्हें कष्ट पहुंचा सकती है।
कई लोग बिना कपड़े पहनकर सोने में असहज महसूस करते हैं, जिससे उन्हें बेचैनी हो सकती है। यह असहजता धीरे-धीरे नींद की गुणवत्ता और आत्मविश्वास दोनों पर असर डाल सकती है।
यदि रात में अचानक कोई इमरजेंसी हो जाए—जैसे आग लगना, चोरी या मेडिकल इमरजेंसी—तो बिना कपड़ों के होने की वजह से तुरंत प्रतिक्रिया देना मुश्किल हो सकता है। इससे समय की बर्बादी और तनाव दोनों बढ़ सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।