कैंसर आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक बन गया है। बदलती लाइफस्टाइल, असंतुलित खानपान, तनाव और प्रदूषण जैसे कारक इस बीमारी के जोखिम को और बढ़ा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में करीब 96 लाख लोगों की मौत कैंसर से हुई, यानी दुनिया में हर छह में से एक मौत इसी कारण हुई। आधुनिक इलाज जैसे कीमोथेरेपी, रेडिएशन और इम्यूनोथेरेपी उपलब्ध हैं, लेकिन इनके दुष्प्रभाव भी गहरे होते हैं — थकान, बाल झड़ना, संक्रमण का खतरा और याददाश्त की कमजोरी जैसी परेशानियां अक्सर मरीजों को झेलनी पड़ती हैं। ऐसे में लोग न केवल इलाज बल्कि बेहतर जीवनशैली और प्राकृतिक विकल्पों की ओर भी रुख कर रहे हैं।
स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान व शराब से दूरी और तनाव नियंत्रण जैसे उपाय कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं। जागरूकता और समय पर जांच से इस बीमारी से बचाव संभव है।
सौरसॉप की पत्तियों में एंटी-कैंसर गुण
हाल ही के शोध में पता चला कि सौरसॉप (ग्रेविओला) की पत्तियों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने में मदद कर सकते हैं।
ये एक हरे, कांटेदार छिलके वाला फल है जो कटहल या धतूरे जैसा दिखता है। भारत में इसे हनुमान या लक्ष्मण फल कहा जाता है और यह मुख्य रूप से दक्षिण भारत में पाया जाता है।
सौरसॉप में टैनिन्स, फ्लेवोनॉयड्स, फाइटोस्टेरॉल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे यौगिक पाए जाते हैं। ये शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।
रिसर्च में क्या सामने आया?
वैज्ञानिकों ने सौरसॉप की पत्तियों से फंगस निकालकर परीक्षण किया। इनमें Penicillium crustosum जैसे फंगस ने कैंसर कोशिकाओं को मारने की क्षमता दिखाई, जबकि सामान्य कोशिकाओं पर इसका असर बेहद कम था।
क्या ये इलाज के रूप में सुरक्षित है?
FDA ने सौरसॉप को कैंसर के इलाज के रूप में मंजूरी नहीं दी है। हालांकि, इसे पोषण के लिए खाया जा सकता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो शरीर को मजबूत बनाते और सूजन कम करते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।