डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता या उसका सही उपयोग नहीं कर पाता, जिससे खून में ग्लूकोज का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है। ये समस्या लंबे समय तक बनी रहने पर हृदय, किडनी, आंखों और तंत्रिका तंत्र पर बुरा असर डाल सकती है। ऐसे में डायबिटीज मरीजों के लिए खानपान का सही चुनाव बेहद जरूरी हो जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स ये मापता है कि कोई भोजन खून में शुगर कितनी तेजी से बढ़ाता है।
जिन खाद्य पदार्थों का GI कम होता है, वे धीरे-धीरे ग्लूकोज रिलीज करते हैं, जिससे न केवल शुगर कंट्रोल में रहता है बल्कि शरीर को स्थायी ऊर्जा भी मिलती है। इसलिए ऐसे फूड्स डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।
ओट्स डायबिटीज मरीजों के लिए बेहतरीन विकल्प है। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स लगभग 55 होता है। ये शुगर और इंसुलिन के स्तर को अचानक बढ़ने से रोकने में मदद करता है। इसलिए रोजाना ओट्स का सेवन ब्लड शुगर को स्थिर रखने में कारगर हो सकता है।
डायबिटीज के रोगी अपने आहार में बाजरा और जौ को शामिल कर सकते हैं। इनका GI 45 से 52 के बीच होता है। बाजरा न केवल फाइबर से भरपूर होता है बल्कि इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी होते हैं। गेहूं की जगह इन्हें उपयोग करने से शुगर स्तर जल्दी कंट्रोल में आता है।
सेब, नाशपाती और अमरूद जैसे फल प्राकृतिक शर्करा से भरपूर होते हैं, लेकिन इनमें मौजूद फाइबर इन्हें लो GI फूड बनाते हैं। इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 30 से 40 के बीच होता है। रिसर्च बताती है कि इन फलों के नियमित सेवन से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है।
पालक, मेथी, टमाटर और भिंडी जैसी हरी सब्जियां फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। इनमें कैलोरी और कार्ब्स की मात्रा कम होती है, जिससे ये ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करती हैं।
डायबिटीज में आहार से जुड़ी जरूरी बातें
मधुमेह रोगियों को फाइबर युक्त भोजन को प्राथमिकता देनी चाहिए और प्रोसेस्ड व रिफाइंड फूड्स से दूरी बनानी चाहिए। भोजन में प्रोटीन और हेल्दी फैट्स को शामिल करने से GI और भी कम हो जाता है। दिनभर में 4-5 बार थोड़ा-थोड़ा खाएं, इससे ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से कंट्रोल किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।