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Diabetes: त्रिकटु चूर्ण से शुगर होगा काबू में, डायबिटीज मरीजों के लिए कारगर उपाय,जानिए कैसे करें सेवन

Diabetes: भारत में डायबिटीज के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं और अधिकतर लोग लंबे समय तक दवाएं लेते हैं। लेकिन आयुर्वेद में एक असरदार उपाय है – त्रिकटु चूर्ण। इस जड़ी-बूटी का नियमित सेवन ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है

अपडेटेड Jul 31, 2025 पर 7:40 AM
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Diabetes: त्रिकटु चूर्ण में ऐसे कई फाइटोकेमिकल्स होते हैं

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसका पूरी तरह से इलाज संभव नहीं, लेकिन इसे नियंत्रण में जरूर रखा जा सकता है। इसके लिए लोग जीवनशैली में बदलाव, दवाइयों और घरेलू उपायों की मदद लेते हैं। आयुर्वेद में भी कुछ ऐसी औषधियां बताई गई हैं जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। इन्हीं में से एक है त्रिकटु चूर्ण, जो एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है। इसे सोंठ, काली मिर्च और पिपली जैसी गर्म और तीव्र गुण वाली जड़ी-बूटियों से मिलाकर बनाया जाता है। पुराने समय में इसका इस्तेमाल अस्थमा, खांसी, मोटापे और पाचन संबंधी समस्याओं में किया जाता था।

कैसे करता है त्रिकटु चूर्ण ब्लड शुगर को कंट्रोल?

त्रिकटु चूर्ण में ऐसे कई फाइटोकेमिकल्स होते हैं जैसे जेनिस्टिन, पिपरलॉन्गुमाइन, बीटा सिटोस्टेरॉल और बीटा-कैरोटीन, जो शरीर के अंदर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित बनाए रखने में सहायक होते हैं। खासकर टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए इसका सेवन लाभकारी माना जाता है। ये मेटाबॉलिज्म को सुधारता है और शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता को बेहतर करता है।


त्रिकटु चूर्ण के अन्य स्वास्थ्य लाभ

त्रिकटु चूर्ण सिर्फ शुगर को कंट्रोल नहीं करता बल्कि इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम किया जा सकता है, खासकर जब इसे त्रिफला और शहद के साथ गर्म पानी में लिया जाए। ये लिवर को भी हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है और कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि को रोकने में सहायक होता है। साथ ही, गिलोय के साथ इसे लेने से थायरॉइड की समस्या में भी राहत मिल सकती है। सर्दी या जुकाम की स्थिति में इसका सेवन शहद के साथ करने पर काफी आराम मिलता है।

त्रिकटु चूर्ण घर पर कैसे तैयार करें?

त्रिकटु चूर्ण बनाना बेहद आसान है। इसके लिए सोंठ, काली मिर्च और पिपली को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह धूप में सुखा लें। फिर इन तीनों को बारीक पीसकर पाउडर बना लें और दोबारा थोड़ा धूप में सूखने दें ताकि नमी पूरी तरह निकल जाए। अब इस चूर्ण को कांच की साफ बोतल में स्टोर करें। सेवन के लिए एक चुटकी चूर्ण को एक गिलास पानी में उबालें और गुनगुना होने पर पी लें। हालांकि, इसका सेवन करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।

डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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