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Heart Attack: एक महीने पहले से शरीर करता है इशारा, हार्ट अटैक से बचना है तो पहचानें ये 8 संकेत

Heart Attack: तेजी से बदलती जीवनशैली, गलत खानपान और बढ़ता तनाव आज युवाओं में भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा रहा है। लोग सोचते हैं कि यह अचानक आता है, लेकिन शरीर पहले ही कुछ संकेत देने लगता है। अगर इन संकेतों को समय पर पहचान लिया जाए, तो बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है

अपडेटेड Jul 30, 2025 पर 3:19 PM
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Heart Attack: अटैक सिर्फ बुजुर्गों की समस्या मानी जाती थी, अब वो युवाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है।

तेजी से बदलती दिनचर्या, बिगड़ती डाइट और हर पल की भागदौड़ आज दिल के लिए खतरे की घंटी बन गई है। पहले जो हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों की समस्या मानी जाती थी, अब वो युवाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। खासकर 30 से 45 साल की उम्र के बीच हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लोगों को लगता है कि दिल का दौरा अचानक आता है, लेकिन हकीकत ये है कि शरीर पहले से कुछ संकेत देने लगता है। सीने में हलका दर्द, थकान, सांस फूलना या बेचैनी जैसी छोटी-छोटी दिक्कतों को हम नजरअंदाज कर देते हैं, जो आगे चलकर बड़ी समस्या बन सकती है।

अगर इन शुरुआती लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम अपने शरीर की बात सुनें और समय पर सतर्क हो जाएं।

छाती में बेचैनी या भारीपन


यदि आपको छाती में अक्सर जलन, दबाव, कसाव या हल्का दर्द महसूस होता है, तो ये हृदय से जुड़ी समस्या का इशारा हो सकता है। ये दर्द सिर्फ छाती तक सीमित नहीं रहता, बल्कि कंधे, पीठ, जबड़े या बांहों तक फैल सकता है। इसे एसिडिटी या गैस समझकर अनदेखा करना भारी पड़ सकता है।

थकावट

जब हृदय पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त शरीर के अंगों तक नहीं पहुंचा पाता, तो शरीर जल्दी थकने लगता है। यदि बिना किसी मेहनत के आप थका हुआ महसूस करते हैं या सामान्य कामों के बाद कमजोरी लगती है, तो यह दिल की कमजोरी का संकेत हो सकता है। ये लक्षण खासकर महिलाओं में अधिक पाया गया है।

सांस फूलना

अगर मामूली गतिविधि करने पर भी सांसें फूलने लगती हैं, तो यह फेफड़ों तक कम ऑक्सीजन पहुंचने का संकेत हो सकता है। यह इस ओर इशारा करता है कि आपका हृदय ठीक से काम नहीं कर रहा। इसे कभी भी नजरअंदाज न करें।

बेचैनी

रात को नींद का बार-बार टूटना, बेचैनी महसूस होना, घबराहट या अचानक डर जाना भी हार्ट अटैक के पहले के लक्षण हो सकते हैं। ये संकेत दिल की नसों के सिकुड़ने के कारण होता है, जिसे लोग अक्सर स्ट्रेस या डिप्रेशन समझकर टाल देते हैं।

अत्यधिक पसीना

ठंडी जगह या बिना शारीरिक श्रम के पसीना आना दिल की कार्यक्षमता में रुकावट का संकेत हो सकता है। ये शरीर की ओर से मदद के लिए एक संकेत होता है, जिसे गंभीरता से लेना चाहिए।

ऊपरी शरीर में दर्द

यदि आपके कंधे, गर्दन, जबड़ा या पीठ में बार-बार दर्द होता है और इसकी कोई स्पष्ट वजह नहीं है, तो ये हृदय संबंधी बीमारी का संभावित लक्षण हो सकता है। समय रहते ECG या अन्य जांच करवा लेना बेहतर होता है।

चक्कर आना

दिल जब दिमाग तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंचा पाता, तो व्यक्ति को चक्कर, सिर घूमना या अंधेरा सा छा जाने जैसा अनुभव हो सकता है। यह एक बेहद खतरनाक संकेत है जिसे हल्के में न लें।

पेट दर्द, उल्टी या अपच

गैस, अपच या पेट दर्द जैसी समस्याएं महिलाओं में हार्ट अटैक के पहले ज्यादा देखी जाती हैं। इसे केवल पाचन की गड़बड़ी मानकर नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है।

हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें?

हेल्दी डाइट अपनाएं – हरी सब्जियां, फल, कम वसा और अधिक फाइबर वाले भोजन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।

नियमित व्यायाम करें – रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलना, योग या हल्की एक्सरसाइज करना फायदेमंद है।

तनाव प्रबंधन सीखें – मेडिटेशन, गहरी सांसें लेना और समय-समय पर ब्रेक लेना तनाव को नियंत्रित करता है।

धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं – ये दोनों दिल की नसों को ब्लॉक कर सकते हैं।

ब्लड प्रेशर व शुगर पर नजर रखें – रेगुलर चेकअप से समय रहते खतरे को रोका जा सकता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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