डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें खानपान को लेकर लोगों में काफी भ्रम होता है, खासतौर पर फलों के सेवन को लेकर। अधिकतर लोग मानते हैं कि डायबिटीज के मरीजों को फल नहीं खाने चाहिए क्योंकि इनमें प्राकृतिक शुगर होती है, जो ब्लड शुगर को बढ़ा सकती है। लेकिन ये धारणा पूरी तरह सही नहीं है। सभी फल नुकसानदायक नहीं होते, बल्कि कुछ फल तो डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद भी कर सकते हैं। दरअसल, हर फल में मौजूद कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और ग्लाइसेमिक इंडेक्स अलग-अलग होता है। कुछ फल ऐसे होते हैं जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है और ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ने देते।
अगर सही मात्रा और समय पर फल खाए जाएं तो ये शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी देते हैं और शुगर लेवल को भी संतुलित रखते हैं। यानी फल दुश्मन नहीं, समझदारी से चुना गया पोषण का स्रोत हैं।
टाइप 2 डायबिटीज़: क्यों बढ़ता है शुगर लेवल?
टाइप 2 डायबिटीज तब होती है जब शरीर या तो पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता या उसका सही से इस्तेमाल नहीं कर पाता। इससे ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है, जिसे हाइपरग्लाइसीमिया कहते हैं। अगर समय रहते ब्लड शुगर को नियंत्रित नहीं किया गया, तो ये किडनी, आंखों और दिल को नुकसान पहुंचा सकता है।
फलों को लेकर सबसे बड़ी गलतफहमी
डायबिटिक मरीजों के बीच ये भ्रम आम है कि सभी फल ब्लड शुगर बढ़ाते हैं। हालांकि, ऐसा सिर्फ तब होता है जब आप ज्यादा मात्रा में ऐसे फल खाएं जिनमें कार्ब्स और शुगर ज़्यादा हो। सच ये है कि ज़्यादातर फलों में नेचुरल शुगर होती है, जो सीमित मात्रा में शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाती।
किन फलों में ज्यादा शुगर और कार्ब्स होते हैं?
खजूर (100 ग्राम): 69 ग्राम कार्ब्स, 66 ग्राम शुगर
केला (100 ग्राम): 20 ग्राम कार्ब्स, 12 ग्राम शुगर
अनार: 14 ग्राम कार्ब्स और 14 ग्राम शुगर
अंगूर (100 ग्राम): 16 ग्राम कार्ब्स, 16 ग्राम शुगर
इन फलों को पूरी तरह से नकारना जरूरी नहीं है, बस मात्रा पर ध्यान देना जरूरी है। जैसे – एक बड़ा मेडजूल खजूर पर्याप्त हो सकता है।
कौन-से फल हैं डायबिटिक फ्रेंडली?
वो फल जिनमें फाइबर ज्यादा हो और ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) 55 से कम हो, उन्हें डायबिटीज में सुरक्षित माना जाता है। उदाहरण:
खजूर (बहुत कम मात्रा में)
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।