Uric Acid: यूरिक एसिड के बढ़ने से है लगातार परेशान, आज ही अपनाएं ये उपाय, गठिया और किडनी स्टोन को जड़ से कर देगा खत्म
Health tips: हाइपरयूरिसीमिया यानी खून में बढ़ा यूरिक एसिड गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है, जिससे गठिया, जोड़ों में दर्द और किडनी स्टोन जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इसके प्रमुख कारण गलत खानपान, किडनी की कमजोरी, मोटापा और कुछ दवाइयों का प्रभाव हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, व्यायाम और डॉक्टर की सलाह जरूरी है
Health tips: बढ़ता यूरिक एसिड लेवल और इससे बचाव के उपाय
आज की तेज रफ्तार जिंदगी और अनियमित जीवनशैली के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इन्हीं में से एक हाई यूरिक एसिड यानी हाइपरयूरिसीमिया है, जो समय रहते नियंत्रित न किया जाए तो गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन उम्रदराज लोगों में इसका खतरा अधिक रहता है। यूरिक एसिड बढ़ने से गठिया (गाउट), जोड़ों में सूजन, किडनी स्टोन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके मुख्य कारण गलत खानपान, पानी की कमी, किडनी की कार्यक्षमता में गिरावट और अनियमित दिनचर्या हैं।
हालांकि, इसे समय रहते संतुलित आहार, पर्याप्त पानी और नियमित व्यायाम से नियंत्रित किया जा सकता है। आइए जानते हैं यूरिक एसिड बढ़ने के कारण, इसके लक्षण और इसे कम करने के प्रभावी उपाय।
यूरिक एसिड बढ़ने के मुख्य कारण
यूरिक एसिड का स्तर शरीर में एक विशेष प्रकार के टॉक्सिन प्यूरिन के टूटने से बढ़ता है। प्यूरिन हमारे आहार में पाए जाने वाले कुछ खाद्य पदार्थों से प्राप्त होता है। जब शरीर इसे सही तरीके से बाहर नहीं निकाल पाता, तो यह खून में जमा होने लगता है और हाइपरयूरिसीमिया का कारण बनता है।
यूरिक एसिड बढ़ने के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
गलत खानपान – लाल मांस, समुद्री भोजन (लॉबस्टर, झींगा), शराब और सोडा जैसे उच्च-फ्रुक्टोज युक्त पेय पदार्थों का अधिक सेवन।
किडनी की कार्यक्षमता में कमी – जब किडनी सही तरीके से यूरिक एसिड को शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती।
मोटापा और हाई बीपी – वजन बढ़ने और ब्लड प्रेशर असंतुलित होने से शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है।
कुछ दवाइयों का प्रभाव – हाई बीपी और अन्य बीमारियों के लिए ली जाने वाली कुछ दवाएं यूरिक एसिड के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं।
हाइपरयूरिसीमिया के सामान्य लक्षण
यूरिक एसिड का बढ़ा हुआ स्तर हमेशा तुरंत लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन जब यह गंभीर हो जाता है, तो कुछ संकेत सामने आते हैं:
जोड़ों में सूजन और दर्द – खासतौर पर पैर के अंगूठे में तेज दर्द और सूजन।
गठिया का खतरा – लंबे समय तक बढ़े हुए यूरिक एसिड का स्तर गठिया का कारण बन सकता है।
किडनी स्टोन – यूरिक एसिड के क्रिस्टल जमा होकर किडनी में पथरी बना सकते हैं, जिससे पेट और पीठ में तेज दर्द हो सकता है।
लगातार थकान और कमजोरी – शरीर में सूजन और जोड़ों की समस्या के कारण कमजोरी महसूस हो सकती है।
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के आसान तरीके
अगर आपका यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसे नियंत्रित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए जा सकते हैं:
आहार में सुधार करें – प्यूरिन युक्त खाद्य पदार्थों से बचें और हेल्दी डाइट अपनाएं। हरी सब्जियां, फल, नट्स और साबुत अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें।
पर्याप्त पानी पिएं – यूरिक एसिड को बाहर निकालने के लिए दिनभर में 2-3 लीटर पानी पिएं।
नियमित व्यायाम करें – रोजाना हल्की एक्सरसाइज या योग करने से यूरिक एसिड कम करने में मदद मिलती है।
शराब और मीठे पेय से बचें – शराब और सोडा जैसे ड्रिंक्स से यूरिक एसिड बढ़ सकता है, इसलिए इन्हें सीमित करें।
डॉक्टर की सलाह लें – अगर यूरिक एसिड का स्तर अधिक हो, तो डॉक्टर से परामर्श लें और जरूरत पड़ने पर ब्लड टेस्ट करवाएं।
यूरिक एसिड के इलाज के विकल्प
यदि जीवनशैली में बदलाव से यूरिक एसिड नियंत्रित नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर निम्नलिखित उपचार सुझा सकते हैं:
दवाइयों का सेवन – यूरिक एसिड कम करने के लिए डॉक्टर एंटी-इंफ्लेमेटरी और पेन रिलीफ मेडिसिन दे सकते हैं।
ब्लड टेस्ट की निगरानी – डॉक्टर यह तय करेंगे कि यूरिक एसिड का स्तर कितनी बार चेक करवाना जरूरी है।
सर्जरी – यदि किडनी स्टोन बहुत बड़ा हो, तो सर्जरी की सलाह दी जा सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।