Uric Acid: यूरिक एसिड की संजीवनी हैं ये 8 जड़ी-बूटियां, जानिए कैसे करें इस्तेमाल

Uric Acid: जब शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ता है, तो इससे गाउट या किडनी की पथरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह अपशिष्ट पदार्थ शरीर से बाहर निकलने में मुश्किलें पैदा करता है, जिससे सूजन, दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसे नियंत्रित करना बेहद आवश्यक है

अपडेटेड Apr 20, 2025 पर 1:01 PM
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Uric Acid: प्राकृतिक सूजन कम करने वाला नीम में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं

आजकल की तेज-तर्रार और तनावपूर्ण जीवनशैली, अनहेल्दी डाइट और शारीरिक गतिविधियों की कमी ने यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। बढ़ते यूरिक एसिड की समस्या अब एक आम समस्या बन गई है, जो हाइपरयुरिसीमिया या गाउट जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। जब यूरिक एसिड का स्तर शरीर में अधिक हो जाता है, तो ये जोड़ों में सूजन और दर्द पैदा करता है, साथ ही किडनी की पथरी का खतरा भी बढ़ जाता है। खराब खानपान जैसे अधिक मांसाहारी आहार, शराब, और शक्कर वाले पदार्थ यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाने में योगदान करते हैं।

इसके अलावा, आधुनिक जीवनशैली में तनाव, गतिहीनता और अव्यस्थित नींद भी शरीर में इस रसायन के बढ़ने की वजह बनती हैं। इसलिए, यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित रखना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है, ताकि इससे होने वाली समस्याओं से बचा जा सके।

यूरिक एसिड क्या है?


यूरिक एसिड, प्यूरीन रसायन के टूटने से उत्पन्न होता है, जो शरीर के अंदर और आहार से आता है। सामान्य रूप से ये किडनी द्वारा फिल्टर होकर पेशाब के जरिए बाहर निकलता है। लेकिन जब इसका स्तर अत्यधिक बढ़ जाता है, तो ये जोड़ों में जमा होकर सूजन और दर्द पैदा करता है।

यूरिक एसिड कम करने के आयुर्वेदिक उपाय

1. आश्वगंधा: दर्द और सूजन का उपचार आश्वगंधा एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी है जो शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती है। इसे दिन में एक बार गुनगुने पानी या दूध में मिलाकर लिया जा सकता है।

2. गोखरू: यूरिक एसिड का संतुलन गोखरू यूरिक एसिड के स्तर को संतुलित करता है और शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड को निकालने में मदद करता है। इसे एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में एक या दो बार पिएं।

3. हारसिंगार: जोड़ों के दर्द को राहत हारसिंगार के पत्ते जोड़ों में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। पारिजात के पत्तों का उबालकर बनाया गया काढ़ा दिन में एक या दो बार पिएं, खासकर खाली पेट।

4. त्रिफला: आयुर्वेद का शक्तिशाली उपचार त्रिफला, जिसमें आंवला, हरीतकी और बहेदकी होते हैं, यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए एक बेहतरीन उपाय है। इसका सेवन सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ किया जा सकता है।

यूरिक एसिड का आयुर्वेदिक इलाज

1. नीम: प्राकृतिक सूजन कम करने वाला नीम में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो यूरिक एसिड और गाउट के इलाज में मदद करते हैं। प्रभावित हिस्से पर नीम का पेस्ट लगाकर दर्द और सूजन कम की जा सकती है।

2. हल्दी: गठिया और सूजन में राहत हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण प्रदान करता है। ये गठिया के इलाज में असरदार है। हल्दी का पेस्ट सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है।

3. अदरक: यूरिक एसिड की रामबाण दवा अदरक में मौजूद तत्व उच्च यूरिक एसिड को कम करने में मदद करते हैं। आप अदरक को चाय में या खाने में शामिल कर सकते हैं।

4. गिलोय: शरीर से यूरिक एसिड को बाहर निकालने वाला उपाय गिलोय को ज्वरनाशक के रूप में जाना जाता है। यह शरीर में जमा यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करता है। गिलोय का जूस या पाउडर यूरिक एसिड को कम करने में कारगर होता है।

डिस्क्लेमरः यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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First Published: Apr 20, 2025 12:56 PM

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