दिल की बीमारी के मामले दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे होने वाली मौत सबसे ज्यादा भारत में होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में होने वाली कुल मौतों में हर तीन में से एक व्यक्ति हार्ट डिजीज का मरीज है। इस बीच चीनी वैज्ञानिकों ने एक बड़ा दावा किया है। चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने हार्ट अटैक और स्ट्रोक से निपटने के लिए वैक्सीन बना ली है। चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि उसने ऐसा इंजेक्शन बनाया है। जिससे धमनियों में कोलेस्ट्रॉल नहीं चिपकेगा। इसकी वजह से खून का थक्का बन जाता है। इसके बाद खून के रास्ते में रुकावट आने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
चीनी वैज्ञानिकों के इस खोज को नेचर जर्नल में प्रकाशित हुआ है। हार्ट डिजीज (Heart Disease) की वजह से दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, हर 34 सेकंड में दिल की बीमारी से एक इंसान की मौत हो जाती है। यही कारण है कि चीन के वैज्ञानिकों ने स्ट्रोक और हार्ट अटैक रोकने की जो वैक्सीन बनाई है। उसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अगर यह सफल रहा तो हार्ट डिजीज से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है।
कैसे काम करती है यह वैक्सीन?
यह वैक्सीन शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करने और धमनियों में प्लाक के जमाव को कम करने का काम करती है। कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से धमनियों में प्लाक जमने लगता है। जिससे ब्लड फ्लो में रुकावट आती है। इससे दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह वैक्सीन शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर धमनियों में प्लाक को बनने से रोकती है। इस रिसर्च में पाया गया है ति p 210 नाम का एक प्रोटीन इम्यून को इतना सक्रिय कर देता है कि धमनियों में प्लैक जमा नहीं हो पाता है। यह वैक्सीन इसी दिशा में अगला कदम है। अब अगर इंसानों पर यह प्रयोग सफल हो जाता है तो यह बहुत बड़ा कदम होगा। इससे लाखों लोगों को मौत के मुंह से बचाया जा सकता है।
चीनी वैज्ञानिकों ने चूहों पर किया रिसर्च
चीनी वैज्ञानिकों ने यह स्टडी चूहों पर की है। इस स्टडी में चूहों में प्लैक को जमा होने से बचाने के लिए इंजेक्शन कामयाब रहा है। यह अपने तरह की पहली रिसर्च है जिसमें चूहों की धमनियों में प्लैक जमने से रोक दिया गया है। नानजिंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों का कहना है कि हमने फिलहाल नैनो वैक्सीन बनाई है। प्री क्लीनिकल डाटा में यह साबित हुआ है कि यह वैक्सीन आर्टरीज में प्लैक को जमा नहीं होने देती है। इससे पहले की रिसर्च में कई तरह के प्रोटीन से एक डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की गई थी। जिसको समझने के बाद इंफ्लामेशन को कम करने के लिए बॉडी के इम्यून सिस्टम को किस तरह बढ़ाया जाए, इस दिशा में काम किया गया था।
डिस्क्लेमर - यहां बताए गए उपाय सिर्फ सामान्य ज्ञान पर आधारित हैं। इसके लिए आप किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल से सलाह लेने के बाद ही अपनाएं।