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Vein Thrombosis: नसों की जिस बीमारी से अमेरिकी राष्ट्रपति जूझ रहे हैं, उसके क्या है लक्षण और कैसे आप कर सकते हैं बचाव

वेन थ्रॉम्बोसिस गंभीर, मगर समय पर पहचान और इलाज से नियंत्रित किया जा सकता है। जागरूक रहें, लक्षणों को हल्के में न लें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, ताकि इस बीमारी से खुद को और अपने प्रियजनों को सुरक्षित रख सकें

अपडेटेड Jul 18, 2025 पर 10:26 AM
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वेन थ्रॉम्बोसिस गंभीर, मगर समय पर पहचान और इलाज से नियंत्रित किया जा सकता है

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। इस बीमारी का नाम वेन थ्रॉम्बोसिस (Vein Thrombosis) है। इसकी बीमारी की वजह से ट्रंप के पैरों के नीचले हिस्से में सूजन आ गई है। व्हाइट हाउस ने गुरुवार को बताया कि ट्रंप को क्रॉनिक वेन्स इन्सफिशिएंसी (Chronic Venous Insufficiency) नाम की नसों की बीमारी है। इस तरह की बीमारी वैसे तो 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में देखी जाती है। लेकिन आप इस बीमारी के चंगुल में ना फंसे इसलिए इसके लक्षणों को जानना जरूरी है।

क्या है Vein Thrombosis?

वेन थ्रॉम्बोसिस के मायने नसों में खून के थक्के जमने से है। यह समस्या आमतौर पर पैरों की नसों में देखने को मिलती है, जिसे डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (Deep Vein Thrombosis या DVT) कहा जाता है।


जब आपके शरीर की किसी नस में खून का थक्का बन जाता है, तो उसे वेन थ्रॉम्बोसिस कहा जाता है। यह थक्का आमतौर पर पैरों की गहरी नसों में बनता है। लेकिन यह शरीर के किसी भी हिस्से यानि हाथ या पेट में भी हो सकता है।

जब खून का थक्का बड़ा होता है तो ब्लड फ्लो रुक सकता है या धीमा हो सकता है, जिससे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

Vein Thrombosis के लक्षण को कैसे पहचानें?

वेन थ्रॉम्बोसिस के संकेत हमेशा बहुत साफ नहीं होते इसीलिए आपको अलर्ट रहने की जरूरत है। यहां हम कुछ लक्षण बता रहे हैं जिसे ध्यान में रखकर आप इस बीमारी का पता लगा सकते हैं।

खासकर काफ यानि पैरों के पीछे के हिस्से या जांघ में अचानक या धीरे-धीरे दर्द होना।

प्रभावित पैर या हाथ में सूजन आना, जो धीरे-धीरे बढ़ सकती है।

प्रभावित हिस्से की त्वचा लाल या नीली हो सकती है, या सामान्य रंग से अलग लग सकती है।

सूजन वाले हिस्से में बाकी जगहों के मुकाबले हल्की गर्माहट या भारीपन महसूस होना।

कई बार थ्रॉम्बोसिस के कोई संकेत सामने नहीं आते।

अगर खून थक्का टूटता है और उसका कोई टुकड़ा फेफड़ों तक पहुंचता है तो हालात काफी खतरनाक हो जाएंगे। इसके बाद आप एक नई बीमारी से जूझ रहे होंगे जिसे पल्मोनरी एम्बोलिज़्म (Pulmonary Embolism) कहते हैं। इसमें सांस फूलना, छाती में दर्द, खांसी, चक्कर या बेहोशी हो सकते हैं। यह एक तरह की मेडिकल इमरजेंसी है।

Vein Thrombosis क्यों होता है?

ये बीमारी होने की सबसे बड़ी वजह है बढ़ती उम्र। इसके अलावा अगर आप एक ही जगह लंबे समय तक एक जगह बैठते हैं तो भी नसों में खून के थक्के जम सकते हैं। इसके अलावा मोटापा, धूम्रपान, गर्भावस्था, कैंसर की वजह से भी ऐसा हो सकता है।

Vein Thrombosis की जांच कैसे होती है?

यदि आपके शरीर में इस बीमारी के लक्षण नजर आने लगे हैं तो डॉक्टर से मिलें। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड, डॉप्लर स्कैन या ब्लड टेस्ट के जरिए पुष्टि करते हैं। कभी-कभी MRI या CT स्कैन की भी जरूरत पड़ सकती है।

Vein Thrombosis से कैसे बचें

ब्लड थिनर दवाएं

ये दवाइयां खून को पतला कर थक्के बनने से रोकती हैं।

कंप्रेशन स्टॉकिंग

ये खास तरह के मोजे होते हैं जिससे पैरों में खून ठीक से दौड़ता है और सूजन कम होता है।

फिल्टर या थ्रॉम्बोलिसिस

कुछ खास मामलों में नस में फिल्टर डाला जाता है या थक्का घोलने की दवा दी जाती है।

घर पर देखभाल

हर दिन थोड़ा-थोड़ा चलना, पर्याप्त पानी पीना और पैर ऊंचे तकिए रखकर आराम करना जरूरी है।

कब डॉक्टर को दिखाएं?

यदि पैरों में अचानक दर्द, सूजन, रंग बदलना या गर्माहट महसूस हो या सांस फूलने, छाती में दर्द, चक्कर जैसे लक्षण दिखें-तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। फेफड़ों तक थक्का जाना जानलेवा हो सकता है।

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