आज के दौर में युवाओं में फिटनेस को लेकर जबरदस्त जुनून देखा जा रहा है। जिम जाना, रनिंग करना और अलग-अलग स्पोर्ट्स एक्टिविटी में हिस्सा लेना अब एक ट्रेंड बन गया है। हर कोई फिट और एक्टिव दिखना चाहता है। लेकिन इस फिटनेस की चाहत के बीच एक चौंकाने वाला और डराने वाला ट्रेंड भी सामने आ रहा है वर्कआउट के दौरान अचानक हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के मामले। खास बात ये है कि ये घटनाएं उन लोगों के साथ हो रही हैं, जो बाहर से बिल्कुल स्वस्थ, एनर्जेटिक और फिट नजर आते हैं। 30 से 40 की उम्र के युवाओं में ऐसी घटनाओं का बढ़ना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?
और क्या इनसे बचा जा सकता है? इस विषय में जागरूकता और सही जानकारी ही युवाओं को इस गंभीर खतरे से समय रहते बचा सकती है। आइए, जानते हैं इसके पीछे की वजह और जरूरी बचाव।
आप जिम जाते हैं, हेल्दी खाते हैं, फिर भी हार्ट अटैक? असल में, बाहर से फिट दिखना अंदर से फिटनेस की गारंटी नहीं देता। छुपे हुए खतरे जैसे हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज या जेनेटिक फैक्टर दिल पर दबाव बना सकते हैं खासतौर पर भारी वर्कआउट के दौरान।
युवाओं में हार्ट अटैक क्यों बढ़ रहे हैं?
तेज एक्सरसाइज से अचानक बीपी का बढ़नावर्कआउट के समय शरीर को जरूरत से ज्यादा प्रेशर देना, खासकर बिना डॉक्टरी सलाह के, दिल को झटका दे सकता है।
बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉलब्लॉकेज की वजह से हार्ट तक ब्लड सप्लाई रुक सकती है जिससे अटैक का रिस्क बनता है।
अनदेखी डायबिटीज और मोटापाइन दोनों कंडीशन्स का दिल की सेहत से सीधा कनेक्शन है।
दिल की छुपी बीमारियांकई बार दिल की बीमारियां बिना लक्षणों के भी शरीर में मौजूद रहती हैं, जो वर्कआउट के वक्त सामने आती हैं।
दिल को दें सुरक्षा की 'शील्ड'—ये 4 टेस्ट जरूरी हैं
अगर आपका बीपी सामान्य (120/80 mmHg से कम) है, तब भी साल में एक बार टेस्ट जरूरी है। हाई बीपी वालों के लिए ये और भी अहम है।
फास्टिंग लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से पता चलेगा कि खून में कितना ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल है। हेल्दी इंसान को भी हर 4-6 साल में एक बार जरूर करवाना चाहिए।
डायबिटीज आपकी आर्टरीज को चुपचाप नुकसान पहुंचाती है। 45 की उम्र पार कर चुके लोगों को यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए और अगर फैमिली हिस्ट्री है, तो और पहले।
अगर आपका BMI 25 से ऊपर है, तो कमर का घेरा भी मापिए। पेट की चर्बी हार्ट पर सबसे ज्यादा असर डालती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।