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Aditya L1 Mission: जानें कब और कहां देख सकते हैं आदित्य-एल1 मिशन की लॉन्चिंग? 11.50 बजे भरेगा उड़ान

Aditya L1 Mission: इसरो ने कहा कि सूर्य और पृथ्वी के बीच पांच लैग्रेंजियन प्लाइंट हैं। होलो ऑर्बिट में एल1 बिंदु से उपग्रह सूर्य को बिना किसी बाधा और बिना किसी ग्रहण के लगातार देखकर अध्ययन किया जा सकता है। इसका लाइव टेलीकास्ट भी किया जाएगा। आप इसे इसरो के Facebook और YouTube चैनल पर लाइव देख सकते हैं

Akhileshअपडेटेड Sep 02, 2023 पर 10:49 AM
Aditya L1 Mission: जानें कब और कहां देख सकते हैं आदित्य-एल1 मिशन की लॉन्चिंग? 11.50 बजे भरेगा उड़ान
Aditya L1 Launch: सूर्य मिशन के लॉन्च में अहम भूमिका निभाएगा, ISRO का लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम (PHOTO-ISRO)

Aditya L1 Mission: चंद्रमा पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' कर इतिहास रचने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब एक और महत्वाकांक्षी मिशन 'आदित्य-एल1' लॉन्च करने के लिए तैयार है। यह सूर्य पर भारत का पहला अभियान होगा। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि मिशन का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। आदित्य-एल1 सन मिशन 2 सितंबर को सुबह 11.50 बजे श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया जाएगा। इसरो ने कहा कि लॉन्च रिहर्सल और रॉकेट की आंतरिक जांच पूरी हो गई है। इसरो के मुताबिक अगर सब कुछ सही रहा तो आदित्य-एल1 रॉकेट सुबह 11.50 बजे सूर्य के लिए उड़ान भरेगा। इसे PSLV-C57 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाएगा।

सूर्य के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए भारत पहली बार 'सन मिशन' लॉन्च कर रहा है। Aditya-L1 मिशन की सफलता के लिए इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने शुक्रवार को आंध्रप्रदेश के तिरुपति जिले में प्रसिद्ध चांगलम्मा परमेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में ISRO प्रमुख ने कहा कि सूर्य मिशन का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। यह 2 सितंबर को सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस स्टेशन से लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लॉन्चिंग की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। लॉन्चिंग के करीब 125 दिन बाद यह अपने प्वाइंट L1 तक पहुंचेगा।

इसको के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 (ISRO Sun Mission Live Updates) को अंतरिक्ष में 'लैग्रेंज प्वाइंट' यानी एल-1 कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद यह ये सैटेलाइट सूर्य पर होने वाली गतिविधियों का 24 घंटे अध्ययन करेगा। एल-1 सैटेलाइट को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थापित किया जाएगा। इस मिशन के जरिए सूर्य की गतिविधियों को समझा जाएगा।

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इसरो ने कहा कि सूर्य और पृथ्वी के बीच पांच लैग्रेंजियन प्लाइंट हैं। होलो ऑर्बिट में एल1 बिंदु से उपग्रह सूर्य को बिना किसी बाधा और बिना किसी ग्रहण के लगातार देखकर अध्ययन किया जा सकता है।

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