Farmers Protest Highlights: किसानों का जत्था बुधवार (14 फरवरी 2024) को भी दिल्ली जाने की कोशिश में लगा रहा। सिंघु-शंभू बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों का एक दल 15 फरवरी को शाम को किसान नेताओं के साथ बैठक करेगा
Farmers Protest Highlights: संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे किसान अपनी मांगों पर केंद्र सरकार के साथ नए सिरे से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बुधवार को कहा कि वे फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र के साथ बातचीत के लि
Farmers Protest Highlights: संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे किसान अपनी मांगों पर केंद्र सरकार के साथ नए सिरे से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बुधवार को कहा कि वे फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। डल्लेवाल ने मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने बयान में कहा है कि केंद्र किसानों के साथ बातचीत के लिए तैयार है और किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए भी तैयार है।
डल्लेवाल ने शंभू बार्डर पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, "हम केंद्र सरकार को यह कहने के लिए कोई गुंजाइश नहीं देना चाहते कि वह हमें आमंत्रित कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। जिसे हमने स्वीकार कर लिया है और हम बातचीत के लिए तैयार हैं।" उन्होंने कहा कि किसान नेताओं ने सरकार के साथ बातचीत के लिए साथी किसानों की सहमति ली है।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय बुधवार शाम या गुरुवार को प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। सूत्रों ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की जाएगी। इससे पहले तीनों मंत्रियों ने किसान संगठनों के नेताओं के साथ चंडीगढ़ में दो दौर की बैठक की थी, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही और किसानों ने मंगलवार को अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों की एक प्रमुख मांग विभिन्न फसलों पर निश्चित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की है।
किसान आंदोलन पर हरियाणा के गृह मंत्री का सवाल
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बुधवार को कहा कि MSP की रिपोर्ट 2004 में आ गई थी और तब कांग्रेस की सरकार थी और उन्होंने 10 साल में कुछ क्यों नहीं किया?...किसान जिनसे दिल्ली जाकर बातचीत करना चाहते हैं, वो सभी मंत्री और अधिकारी जब चंडीगढ़ आ गए, तो आपने बात नहीं की। इसका मतलब आपका मकसद कुछ और है... मुझे आश्चर्य है कि पंजाब सरकार ने एक नोटिस जारी किया है कि हमारी सीमा में ड्रोन ना भेजें...जब किसान अमृतसर से आगे बढ़ने लगे, तो उन्होंने उन्हें रोकने की कोशिश भी नहीं की...काफी पथराव हो रहा है और इसमें हमारे एक डीएसपी और 25 अन्य पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं।
कृषि मंत्री की अधिकारियों के साथ हाई लेवल बैठक
किसानों के उग्र आंदोलन को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा कृषि भवन में सीनियर अधिकारियों के साथ एक हाई लेवल बैठक कर रहे हैं। मीटिंग में इस बात पर चर्चा हो रही है कि इसका समाधान कैसे किए जाए। किसान आज फिर दिल्ली कूच के लिए अड़े हुए हैं। पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर जबरदस्त तनाव का माहौल है।
सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार
किसानों के विरोध प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ''मैं कहना चाहूंगा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और किसानों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। उनकी मांगें सरकार ने अपने वरिष्ठ नेताओं को भेजा और बातचीत जारी रखी...क्या कारण है कि मांगों में नई मांगें जुड़ती जा रही हैं?...अगर नई मांगें जुड़ रही हैं, तो अधिक समय की भी आवश्यकता है। राज्यों को विचार करने के लिए समय चाहिए । हम चर्चा जारी रखने के लिए तैयार हैं। उनकी अधिकांश मांगें मान ली गई हैं लेकिन नई मांगों के लिए और समय की आवश्यकता है। मैं आंदोलनकारियों से आग्रह करता हूं कि वे तोड़फोड़, आगजनी या हिंसा न करें। मैं किसान नेताओं से अनुरोध करता हूं कि वे आएं और चर्चा करें।"
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, "किसान संगठनों को ये समझना होगा कि जिस कानून की बात की जा रही है। उस कानून के बारे में इस तरीके से कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता जिससे बाद के दिनों में सबके लिए बगैर सोची समझी स्थिति के बार में लोग आलोचना करें। हमें ये कोशिश करनी चाहिए हम इसके सभी पक्षों का ध्यान रखें। किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना पड़ेगा कि आम जनजीवन को बाधित ना करें, आम जनजीवन किसी तरह से परेशान ना हो।"